अभी शिथिलता न बरतें, योग करें और काढ़ा पियें
जागरण संवाददाताऔरैया कोरोना शुरु होते ही लोग बचाव के लिए पूरे मुस्तैद दिखे थे। शरीर
जागरण संवाददाता,औरैया: कोरोना शुरु होते ही लोग बचाव के लिए पूरे मुस्तैद दिखे थे। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे थे। काढ़ा पीने के साथ ही पैदल चलने की भी आदत डाली लेकिन, अब लोगों ने शिथिलता बरतनी शुरू कर दी है। यह अब घातक हो सकता है क्योंकि कोरोना की लहर फिर से शुरू हो गई है जो कि खतरनाक हो सकती है,इसलिए लोग शिथिलता न बरते।
योग प्रशिक्षक योगीराज ने बताया कि प्रतिदिन योग के बहुत फायदे हैं। ताड़ासन खड़े होकर करने वाला आसन है। ताड़ शब्द का अर्थ है पहाड़, ताड़ या खजूर का पेड़। इस आसन के अभ्यास से स्थायित्व व शारीरिक ²ढ़ता प्राप्त होती है। ये खड़े होने वाले सभी आसनों का आधार है। ये मेरुदंड से संबंधित नाड़ियों के रक्त संचय को ठीक करने में सहायक है। ये आसन एक निश्चित उम्र तक लंबाई बढ़ाने में सहायक है। ताड़ासन उन लोगों को नहीं करना चाहिए जो हृदय रोग, वैरिकोज वेंस की समस्या से पीड़ित हैं। चक्कर आने की स्थिति में अंगुलियों पर ऊपर उठने का प्रयास नहीं करना चाहिए।
ऐसे करें ताड़ासन आसन:पैरों के बल खड़े हो जाएं। दोनों पैरों के बीच दो इंच की दूरी रखें। दोनो हाथों की अंगुलियों को आपस में एक-दूसरें से मिलाएं। हथेलियों को बाहर की ओर रखते हुए श्वास को शरीर के अंदर लें। भुजाओं को ऊपर की ओर करके कंधों को एक सीध में ले आएं। पैरों की एडियों को प्रथ्वी से ऊपर उठाएं और पैरों की अंगुलियों पर अपना संतुलन बनाएं। इस स्थिति में 10 से 15 सेकंड तक रुके रहें। श्वास को शरीर से बाहर छोड़ते हुए एड़ियों को वापस जमीन पर रखें। अब हाथ की अंगुलियों को अलग-अलग करते हुए भुजाओं को शरीर के समानांतर लाएं फिर इसके बाद प्रारंभिक स्थिति में वापस आ जाएं।