नियमों को मुंह चिढ़ा रहे अनुबंधित वाहन
जागरण संवाददाता, औरैया: जिले के विकास भवन में अनुबंध पर लगी सवारी गाड़ियां परिवहन के निय
जागरण संवाददाता, औरैया: जिले के विकास भवन में अनुबंध पर लगी सवारी गाड़ियां परिवहन के नियमों को मुंह चिड़ा रहीं है। भले ही अधिकारियों ने किराए के वाहन लगा रखे हैं। लेकिन इन्हें लगाते समय परिवहन नियमों का ख्याल नहीं रखा गया है। इसके बाद भी वाहनों से अधिकारियों को विभागीय कामकाज निपटाने में कोई गुरेज नहीं है। सरकारी विभागों में वाहनों की आवश्यकता पड़ने पर टैक्सी एजेंसी संचालक से किराए पर ली जाती है।
नियमता, किराए पर लगाए जाने वाले वाहनों के पास टैक्सी परमिट होना चाहिए, साथ ही इन वाहनों की नंबर प्लेट पीली रंग की होनी चाहिए। इन वाहनों का अलग से टैक्स लिया जाता है। वहीं, कई निजी वाहन मालिक मुनाफा कमाने खातिर परिवहन नियमों की अनदेखी कर देते हैं और वे विभागीय मिलीभगत से अपने वाहन किराए पर लगवाने में सफल हो जाते हैं। कुछ ऐसा ही हाल विकास भवन का है। यहां पर मुख्य विकास अधिकारी, परियोजना निदेशक के लिए लगे वाहन परिवहन के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। परिवहन विभाग को राजस्व की चपत लग रहा है। कई ऐसे भी किराए के चार पहिया वाहन भी हैं जिन पर हूटर लगा हुआ है तो वहीं, कई पर उत्तर प्रदेश सरकार लिखा है। दूर से देखने में पता नहीं चलता है कि यह निजी वाहन है या फिर किराए पर लगा वाहन है। अधिकारियों को ऐसे वाहनों पर बैठकर विभागीय कार्य निपटाने में तनिक भी गुरेज नहीं है। सूत्रों की माने तो अधिकारियों से से¨टग कर ये गाड़ियां लगाई गई हैं।
क्या कहते हैं जिम्मेदार-
मुख्य सचिव द्वारा पूर्व में ही सभी विभागों को जानकारी दी जा चुकी है। जिसके तहत व्यवसायिक परमिट होना जरूरी है। यदि कोई विभाग ऐसा कर रहा है तो वह निश्चित रूप से विभाग को नुकसान पहुंचा रहा है। जानकारी कर ऐसे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। - मनोज कुमार ¨सह, एआरटीओ