अधिकारियों से आज सीधे संवाद करेंगे बच्चे
- बाल दिवस आज -बच्चों व किशोरों की सुरक्षा व स्वास्थ्य के मुद्दों पर होगी बात -पंचायत स्तर पर ब
- बाल दिवस आज
-बच्चों व किशोरों की सुरक्षा व स्वास्थ्य के मुद्दों पर होगी बात
-पंचायत स्तर पर बाल अधिकारों से संबंधित क्विज-प्रतियोगिता होगी
जागरण संवाददाता, औरैया: अंतरराष्ट्रीय बाल अधिकार दिवस (20 नवम्बर) पर शुक्रवार को बच्चे और किशोर सीधे अपने जिले के अधिकारियों से संवाद स्थापित कर सकेंगे । महिला कल्याण और बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के तत्वावधान में चलाये जा रहे मिशन शक्ति अभियान के तहत इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है । इसके तहत हर जिले में ग्राम व ब्लाक स्तर जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के नेतृत्व में बच्चों और किशोरों की सुरक्षा व मानसिक स्वास्थ्य एवं मनोसामाजिक आवश्यकताओं, मुद्दों व सपोर्ट प्रणाली पर भौतिक शक्ति संवाद किया जाएगा । इसके लिए जिला प्रोबेशन अधिकारी जिलाधिकारी के साथ मिलकर कार्यक्रम की रूपरेखा पहले से तय कर चुके हैं।
निदेशक महिला कल्याण व मिशन शक्ति अभियान के नोडल अधिकारी मनोज कुमार राय का कहना है कि प्रदेश में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा, सम्मान एवं स्वावलंबन के लिए चलाये जा रहे मिशन शक्ति अभियान की हर माह की अलग-अलग थीम है । नवम्बर माह की थीम मानसिक स्वास्थ्य तथा मनोसामाजिक मुद्दों से सुरक्षा और सपोर्ट तय की गयी है । इसी के तहत शक्ति संवाद का लक्ष्य बच्चों व किशोरों में होने वाले मानसिक और भावनात्मक परिवर्तनों के बारे में उनमें, उनके परिवार व समुदाय के बीच अधिकारियों के जरिये सीधे संवाद कर जागरूकता को बढ़ावा देना है । इसके अलावा मानसिक समस्याओं जैसे-तनाव, अवसाद के लक्षणों, उनके व्यवहारिक, शारीरिक व भावनात्मक संकेतों की पहचान की जायेगी । संवाद के दौरान अगर अधिकारियों को लगता है कि किसी किशोर या बच्चे को पुनर्वास की जरूरत है तो वह उस पर भी विचार व कार्यान्वयन कर सकते हैं ।
आयोजित होंगी विविध गतिविधियाँ :
दस से 19 साल के बच्चे अपने चित्रण द्वारा एक नयी दुनिया की परिकल्पना को प्रदर्शित करें जिसमें वह अपने मानसिक स्वास्थ्य व हित में कार्यशील एक बेहतर भविष्य, भेदभाव रहित दुनिया की परिकल्पना कर सकें। इसे वह उपलब्ध कराये गए हैशटैग पर टैग करने के साथ अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर साझा कर सकते हैं ।
कोविड ने भी डाला मानसिक स्वास्थ्य पर असर :
कोरोना के कारण किशोरों एवं युवाओं में अपने भविष्य को लेकर अनिश्चितता बढ़ी है, इस कारण मानसिक अवसाद, निरंतर चिता व गंभीर हालत में गलत कदम उठाने तक के मामले सामने आए हैं।