पराली जलाने पर 32 किसानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज
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संवाद सहयोगी, अजीतमल : तहसील प्रसाशन लगातार पराली जलाने पर किसानों पर सख्ती दिखा रहा है, जिससे क्षेत्र के किसानों में हड़कंप मचा हुआ है। रविवार को तहसील प्रशासन द्वारा दो अलग-अलग क्षेत्र के 32 किसानों पर पराली जलाने के आरोप में मुदकमा दर्ज कराया है। तहसील के लेखपाल शिवप्रताप ने नगर पंचयात अधिकारी एवं कृषि विभाग के कर्मचारियों कर साथ मौके से परली जलाने के अवशेष मिलने पर मोजा सबलपुर के गाटा संख्या 830 अभिलेखों में दर्ज किसान शिवनाथ, रघुराज ऊदल, अनुरुद्ध, अमृत सिंह तथा कलावती एवं गाटा संख्या 889 में अभिलेखों मर दर्ज नाम रविन्द्र सिंह, शिवनाथ, नरविन्द, राजीव व रघुनाथ के खिलाफ कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई है। वहीं लेखपाल धर्मेंद्र सिंह ने भी मौजा कमालपुर की गाटा संख्या 140 अभिलेखों में दर्ज किसान ज्ञान सिंह, अरुण कुमार, कैलाश, रामकिशोर, अशोक कुमार, सुखरानी, रवि कुमार, शिवकुमार, रामदास, दिनेश, राम नरेश, लालजी, संतोष व कलावती तथा बटाईदार फूल सिंह निवासी दरवतपुर के खिलाफ पर भी मुकदमा दर्ज कराया है। वहीं मौजा दरवतपुर की गाटा संख्या 84 के अभिलेखों में दर्ज किसान शिवकुमार, रामकुमार, शिवकुमार तथा गाटा संख्या 7 के आधे हिस्से के किसान •ाोर सिंह, अरुण सिंह, केशव, विटानी आदि के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। पराली न जलाने को लेकर एसडीएम ने किया जागरुक
जागरण संवाददाता, औरैया: सर्दी के मौसम में एक बार फिर से पराली जलाने की घटनाएं बढ़ने लगी हैं। शनिवार को भी प्रशासन ने तीन किसानों से जुर्माना वसूला था और एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे। पराली न जलाने के लिए किसानों को जागरूक करने का अभियान तहसील प्रशासन द्वारा नियमित रूप से चलाया जा रहा है।रविवार को सदर एसडीएम रमेश यादव व तहसीलदार राजकुमार चौधरी ने क्षेत्र के ग्राम पंचायत जैतापुर में भ्रमण कर लोगों को पराली न जलाने के लिए जागरूक किया। सचेत करते हुए इससे होने वाले पर्यावरण को नुकसान के बारे में जानकारी दी। इस दौरान ग्राम प्रधान अभिषेक यादव मौजूद रहे।
सुप्रीम कोर्ट व एनजीटी के अनुसार पराली व कूड़ा जलाना दंडनीय अपराध है। इससे पर्यावरण प्रदूषण बढ़ रहा है। इसके पालन के लिए तहसील प्रशासन प्रयासरत है फिर पराली जलाने की घटनाएं सामने आ रही है। एसडीएम सदर रमेश यादव ने बताया कि पराली न जलाने के लिए किसानों को जागरूक करने का अभियान तहसील प्रशासन द्वारा नियमित रूप से चलाया जा रहा है। ग्राम जैता पुर किसानों को जागरुक किया गया है। पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में बताया गया। अगर कोई नियमों का उल्लंघन करता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।