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बरगद लगा अब सांसों का 'वर' लें

जागरण संवाददाता औरैया इस बार वट सावित्री व्रत पर पूजा आराधना कुछ अलग ही होगी। अमावस्या व

By JagranEdited By: Published: Sun, 06 Jun 2021 11:35 PM (IST)Updated: Sun, 06 Jun 2021 11:35 PM (IST)
बरगद लगा अब  सांसों का 'वर' लें
बरगद लगा अब सांसों का 'वर' लें

जागरण संवाददाता, औरैया: इस बार वट सावित्री व्रत पर पूजा आराधना कुछ अलग ही होगी। अमावस्या व्रत पर सुहागिनों को बड़ी परीक्षा से गुजरना है। इस व्रत पर अपने सुहाग की रक्षा की कामना के साथ बच्चों की सुरक्षा की भी चिता करनी होगी। कोविड महामारी आपदा की तीसरी लहर के संकेत मिल रहे हैं। इसमें बच्चों की सुरक्षा के लिए सतर्क रहना है। सुहागिनों ने कदम से कदम मिलाकर चलने के साथ एक-एक बरगद का पौधा रोपित व पोषित करने का संकल्प लिया है।

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वट की छाया में होगा हर आशियाना

10 जून को वट अमावस्या पर पूजा अर्चना रोपित किए गए पौधे की करूंगी। पर्यावरण दिवस पर गमले में बरगद का पौधा लगाकर इसे पोषित करना शुरू कर दिया है।

- विनीता पांडेय, गोविद नगर (फोटो-11)

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धरा को हरा भरा बनाना हमारा भी कर्तव्य है। हमारे पूर्वजों के लगाए हुए बाग-बगीचे उजड़ गए। धरा का इस तरह बंजर होने की वजह से ही आक्सीजन की किल्लत हुई। सैकड़ों मां की गोद व बहनों के सुहाग छिन गए हैं। एक-एक पौधा रोपित कर फिर से प्रकृति का श्रृंगार करने का संकल्प लें।

-प्रतिभा अवस्थी, पढ़ीन दरवाजा (फोटो-12) -----

नारी की पहचान हमेशा उसके कर्तव्यों से ही हुई है। सती सावित्री ने अपने पति के जीवन को यमराज से वापस ले लिया था। शक्ति का इससे बड़ा उदाहरण कोई दूसरा नहीं हो सकता है। बरगद का एक पौधा लगाकर आराधना करने का संकल्प पूरा करूंगी।

-पुष्पा दीक्षित, पढ़ीन दरवाजा (फोटो-13)

----- पति की लंबी आयु के साथ बच्चों की सुरक्षा का संकल्प लेकर पूजा आराधना करूंगी। एक पौधा रोपित कर धरा को हरा-भरा करने में योगदान रहेगा।

-प्रभा द्विवेदी, गोविद नगर (फोटो-14)

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जिस तरह एक-एक बूंद से घड़ा भर जाता है। इसी तरह से एक-एक बरगद का पौधा हमें भविष्य की सारी आपदाओं से उबार देगा। इस संकल्प के साथ वट सावित्री व्रत रखूंगी। -अनुपम मिश्रा, बदनपुर

(फोटो-15) ------

आक्सीजन युक्त पौधारोपण प्रकृति ही नहीं स्वयं के लिए भी वरदान है। धरा का अस्तित्व भी प्राणी मात्र से ही तो है। इसलिए हमें इसे हरा भरा रखने की जिम्मेदारी बखूबी निभानी होगी।

-मनी अवस्थी, ओम नगर (फोटो-16) ----

मां सीता ने 14 वर्ष वन में व्यतीत कर पौधों को सहेज कर वाल्मीकि आश्रम को हरा भरा बनाए रखने का काम किया। हमें भी उनसे प्रेरणा लेकर अपनी-अपनी कुटिया को हरा भरा बनाने का संकल्प लेना चाहिए। एक पौधा लगाकर अमावस्या व्रत की आराधना करूंगी।

-आकांक्षा अवस्थी, आर्यनगर (फोटो-17) ------

इस वर्ष का अमावस्या व्रत पर्व चुनौतियों से भरा है। एक आपदा को सफर करना पड़ रहा है तो दूसरी के संकेत मिल रहे हैं। जिसकी तैयारी का संकल्प भी ले लिया है।

-अंजना शुक्ला, ओम नगर (फोटो-18)

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आक्सीजन के जरूरी है कि हर कोई वट वृक्ष लगा उसे संरक्षित करने की पहल करे। क्योंकि जीवन बचाने के लिए हरे पेड़ पौधों का धरातल पर होना जरूरी है। कोविड काल ने यह सीखा दिया है।

-प्रीति कटियार, आवास विकास (फोटो-19)


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