गांव रूरूकला में होगा बलिदानी राहुल का अंतिम संस्कार
संवादसूत्र रूरूगंज (औरैया) बिकरू में बलिदान देने वाले बिठूर थाने के सिपाही राहुल के स्वजन भले ह
संवादसूत्र, रूरूगंज (औरैया) : बिकरू में बलिदान देने वाले बिठूर थाने के सिपाही राहुल के स्वजन भले ही गाजियाबाद में रह रहे हैं लेकिन उनका अपने पैतृक गांव रूरूकला से गहरा नाता था। वह जनवरी में ही गांव आए थे और परिवार के लोगों से मिलकर खेतों की स्थिति जानी थी। परिवार उनका अंतिम संस्कार शनिवार को पैतृक गांव में ही करेगा।
राहुल के पिता ओमकार गाजियाबाद में सब इंस्पेक्टर थे, इसलिए वह वहीं बस गए। राहुल ने वर्ष 2016 में पुलिस की नौकरी ज्वाइन की थी। वह दो भाई और बहन हैं। दोनो भाई गाजियाबाद में प्राइवेट कंपनी में जॉब करते है। राहुल की शादी फरवरी 2018 में दिव्या से हुई थी। उनकी ढाई माह की बेटी भी है। राहुल के बलिदान की खबर गांव रूरूकला पहुंची तो चाचा गेंदालाल दिवाकर, हरी दिवाकर, विक्की, राजकुमार, कमला देवी व अन्य लोग कानपुर चले गए। चचेरे भाई विपिन ने बताया कि राहुल गांव के युवाओं से बेहद लगाव रखता था और गंाव आने पर सभी साथियों संग क्रिकेट भी खेलता था। वह जनवरी में गांव आया था। राहुल की तैनाती कुछ दिन पूर्व ही बिठूर थाने में हुई थी। घटना से गांव के साथी भी स्तब्ध हैं। राहुल का अंतिम संस्कार शनिवार को पैतृक गांव में ही किया जाएगा।