धनुष टूटते ही सीता ने राम के गले में डाली जयमाल
संवादसूत्र दिबियापुर सदर विकासखंड की ग्राम उड़नपुरा में विशाल धनुष यज्ञ का आयोजन किया गय
संवादसूत्र, दिबियापुर : सदर विकासखंड की ग्राम उड़नपुरा में विशाल धनुष यज्ञ का आयोजन किया गया। जिसमें कलाकारों ने अपनी प्रतिभा के माध्यम से श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया। वहीं जनक विलाप व परशुराम लक्ष्मण संवाद देखने के लिए दर्शक सुबह तक डटे रहे। धनुष टूटते ही सीता ने श्रीराम के गले में जयमाल डाल दी। दृश्य देखने के बाद दर्शक रोमांचित हो ताली बजाने लगे।
उड़नपुरा गांव में आयोजित धनुष भंग कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में लोग पह़ुंचने। धनुष नहीं टूटने पर जनक का करुण क्रंदन सुनकर श्रद्धालुओं की आंखों में आंसू छलक आए। वहीं रावण व बाणासुर अभिनय देखकर श्रोताओं में वीर रस जागृत हुआ। धनुष टूटने पर परशुराम मिथिलापुरी पहुंचे। उन्होंने धनुष का खंडन देखकर क्रोध व्यक्त करते हुए कहा कि शिव जी के धनुष को तोड़ने वाला समाज को छोड़कर अलग हो जाए, अन्यथा सभी राजा मारे जाएंगे। परशुराम जी का क्रोध देखकर श्रीराम ने कहा कि शिव का धनुष तोड़ने वाला कोई आपका दास ही होगा। जिस पर परशुराम ने कहा की शिव का धनुष तोड़ने वाला मेरा दास कदापि नहीं हो सकता है। परशुराम व श्री राम का विवाद देखकर लक्ष्मण जी कहने लगे कि उन्होंने बचपन में बहुत से धनुइया तोड़ दी हैं, लेकिन आपने इस प्रकार कभी क्रोध नहीं किया। सुबह तक राम लक्ष्मण संवाद चलता रहा। जिसे देखने के लिए श्रोता डटे रहे। भगवान श्रीराम की भूमिका तिर्वा कन्नौज के चंदन शुक्ला और लक्ष्मण की भूमिका में अभिषेक त्रिपाठी ने अदा की। वहीं जनक का अभियन श्रीपति त्रिपाठी एवं परशुराम की भूमिका में त्रिभुवन त्रिवेदी ने अदा की।