करोड़ों के बकायेदार सरकारी कार्यालय, शिकंजे में घरेलू उपभोक्ता
जागरण संवाददाता औरैया बिजली विभाग का दोहरी नीति उपभोक्ताओं को रास नहीं आ रही है। द
जागरण संवाददाता, औरैया : बिजली विभाग का दोहरी नीति उपभोक्ताओं को रास नहीं आ रही है। दो-चार महीने का बकाया होने पर कनेक्शन काट दिए जाते हैं। उन्हें दुबारा बिजली उपयोग करने के लिए कई तरह के सरचार्ज अदा करने पड़ते हैं। जिसके लिए उन्हें इधर-उधर से कर्जा लेकर भुगतान करना होता है। जबकि दूसरी ओर सरकारी कार्यालयों में करोड़ों रुपये बकाया होने के बावजूद उन पर कोई शिकंजा नहीं कसा जाता।
औरैया व दिबियापुर डिवीजन में कुल मिलाकर 75 हजार घरेलू उपभोक्ता व 5300 नलकूप उपभोक्ताओं पर बिजली का बकाया चला आ रहा है। इसमें से हजारों उपभोक्ता ऐसे होंगे जिन पर 10 हजार से कम बकायेदारी होगी। इन पर आए दिन शिकंजा कसा जा रहा है। एफआइआर, आरसी जारी कर बकाये के अलावा अतिरिक्त आर्थिक बोझ डाला जाता है। कोविड-19 में पूरा साल बीत गया। लोगों की रोजी-रोटी का साधन भी छिन गया। हालांकि विभाग ने इस काल में समय से बिजली देकर घरों में लोगों के रोकने में मदद कर बेहतरीन काम किया। बिल की अदायगी करना भी उपभोक्ताओं की जिम्मेदारी है। इस बकायेदारी में कई विभागीय व उपभोक्ताओं की लापरवाही भी शामिल है। दूसरी तरफ सरकारी कार्यालयों पर करोड़ों रुपये जिले में बकाया है। लेकिन उन पर अभी तक किसी प्रकार का कोई दबाव नहीं बनाया गया। सरकारी कार्यालयों की बकायेदारी एक नजर में
विभाग का नाम बकाया धनराशि लाख रुपये में
कृषि 6.11
भूमि विकास एवं जल 1.76
पंचायती राज 560.94
स्वास्थ्य 57.36
लोक निर्माण विभाग 18.25
प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा 3147.00
उच्च शिक्षा 17.14
दूर संचार व पंचायती उद्योग 18.68
राजस्व जिला प्रशासन 15.85
नगर विकास 29.10
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प्रशासनिक अधिकारियों को बताई बकाया की स्थिति
अधीक्षण अभियंता दिनेश कुमार दोहरे ने बताया कि जला मुख्यालय पहुंचकर मुख्य विकास अधिकारी व जिला विकास अधिकारी से भेंट कर सरकारी कार्यालयों पर बिजली के बकायेदारी के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। जिले में करोड़ों रुपये बिजली का फंसा है। उपरोक्त सारणी में बड़े बकाया दर्शाया गया है। इससे कम की भी बकायेदारी कार्यालयों पर है। स्वास्थ्य व पुलिस विभाग से भुगतान मिला है। लोक निर्माण विभाग जल्द ही बकाया जमा करा देगा। अधिकारियों से बराबर संपर्क किया जा रहा है।