सिस्टम की बेरुखी से अन्नदाता परेशान
जागरण संवाददाता, औरैया: गेंहू की बोआई का समय शुरू हो चुका है। बुआई से पहले खेतों मे
जागरण संवाददाता, औरैया: गेंहू की बोआई का समय शुरू हो चुका है। बुआई से पहले खेतों में पलेवा के लिए पानी की जरुरत पड़ती है। लेकिन किसानों के सामने समस्या है कि माइनर, रजवहा और नहरें सूखी पड़ी हैं। किसानों को निजी पंपों के जरिए मजबूरन ¨सचाई करानी पड़ रही है। तमाम शिकायतों के बाद भी जिला प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। सिस्टम की इस बेरुखी से अन्नदाताओं की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
जनपद में गेंहू की बोआई का समय बेहद नजदीक है। विभाग की माने तो 15 नवंबर से यह बोआई शुरू हो जाती है। विशेषज्ञों की माने तो बोआई के पहले खेत में पलेवा करना बेहद जरूरी होता है। पलेवा में ¨सचाई बहुत आवश्यक होती है। मगर जिले में सिस्टम की बेरुखी के चलते नहरें, बंबा, माइनर आदि वह चीज जिससे खेतों की सिचाई होती है वह सूखी पड़ी है। जिले के कंचौसी, दिबियापुर, अछल्दा सहित अन्य कस्बों से निकलने वाली नहरें, बंबा आदि सूखे पड़े है। किसान इस ओर आशा भरी निगाहों से देख रहा है। वहीं कई किसानों ने प्रशासन की आस छोड़ निजी नलकूप से रुपये देकर अपने खेत की ¨सचाई शुरू करा दी है ऐसे में सरकार की मंशा पर लगातार पानी फेर रहे हैं। कैसे किसानों की आय दो गुनी होगी।
पानी तो दूर सफाई तक नहीं हुई
जिले में मौजूद नहरें, बंबा व माइनर सहित अन्य साधन सूखे पड़े हैं। यह तो छोड़िए यहां सफाई तक नहीं की गई है। पानी आ भी गया तो वह आगे नहीं बढ़ पाएगा। किसानों को पानी की सख्त जरुरत है। ऐसे में जिम्मेदार इस ओर कतई ध्यान नहीं दे रहा है। जिससे किसानों की समस्या बढ़ती जा रही है। आगे यह समस्या और भी गंभीर हो सकती है। क्या कहते हैं जिम्मेदार
नहरों की सफाई को लेकर प्रस्ताव भेजा गया है जल्द ही नहरों सहित अन्य जगहों पर पानी पहुंच जाएगा। पहले सफाई कराई जाएगी इसके बाद पानी छोड़ा जाएगा। - मनोज कुमार, अधिशाषी अभियंता ¨सचाई