फूटा गुस्सा, किसानों ने किया प्रदर्शन
संवादसूत्र कंचौसी यूएम पावर कोयला सयंत्र से प्रभावित किसानों का सर्किल रेट से चार गुना मुआव
संवादसूत्र, कंचौसी : यूएम पावर कोयला सयंत्र से प्रभावित किसानों का सर्किल रेट से चार गुना मुआवजा न मिलने से उनका रोष फुट पड़ा। रविवार को किसानों ने प्रोजेक्ट के अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। किसानों ने बताया कि कंचौसी, जमौली, सेहुद, करौदा, सूखमपुर, हरतौली, ढिकियापुर करीब सात गांवों के किसानों की 250 एकड़ जमीन औने पौने दामों में तमाम प्रकार के लालच देकर बैनामा करवा ली गई। वादा खिलाफी कर अपने किये हए वायदों से मुकर गए। उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही उन्हें न्याय नहीं मिला तो वह आंदोलन करेंगे। किसानों का कहना है कि सन 2011 में किसानों को तमाम प्रकार के वायदे कर किसानों से भूमि हड़प ली और करीब पचास प्रतिशत किसानों को उचित मुआवजा भी नहीं मिला । कई बार भुगतान को लेकर किसानों और प्रोजेक्ट के अधिकारियों में झड़प भी हुई, लेकिन आज तक कोई निष्कर्ष नहीं निकला। किसान अपनी समस्या लेकर डीएम के दरबार में भी पहुंचे, लेकिन कोई न्याय नहीं मिला। कई बार किसानों द्वारा सत्ता पक्ष के जन प्रतिनधियों को भी अवगत कराया, लेकिन किसानों की एक भी बात नहीं सुनी गई। कुछ जमीन गैर कानूनी तरीके से जबरन अधिग्रहित कर ली, जिसका किसानों को आज तक मुआवजा भी नहीं मिला। जबकि कुछ किसानों ने हाईकोर्ट में मुकदमा भी कर दिया है।किसानों ने बताया लॉकडाउन के चलते प्रोजेक्ट में कार्य भी शुरू कर दिया गया है। किसानों की जमीनें चली जाने के कारण उनके परिवारों में आर्थिक संकट भी पैदा हो गया है।किसान जब अपना मुआवजा प्रोजेक्ट के अधिकारियों से मांगते हैं, तो उल्टा उनको धमका कर भयभीत कर दिया जाता है और कहा जाता है कि मुकदमा लगवा दिया जाएगा। खास बात यह है कि नौ वर्ष हो चुके हैं। शासन द्वारा निर्धारित प्लांट लगाने का समय भी समाप्त हो चुका है। किसान सुघर सिंह, सर्वेश कुमार, घनश्याम बाबू, सोनेलाल, घनश्याम, अभयराम, अनिल कुमार, कमल सिंह, नंदकिशोर, हरीबाबू, रामकुमार, लाल सिंह, प्रमोद कुमार, निरपत सिंह, रामनरायन, भूरे, नरेंद्र सिंह, रामशंकर आदि शामिल रहे।