प्रशासन का 'रेड अलर्ट' , बावजूद 'बसेरा' में ताला
जासं औरैया सर्दी व शीतलहर से जरूरतमंदों को बचाने की कसरत प्रशासन की एक बार फिर ठंड
जासं, औरैया: सर्दी व शीतलहर से जरूरतमंदों को बचाने की कसरत प्रशासन की एक बार फिर ठंडे बस्ते में पहुंची है। ऐसे में जिन कंधों पर जिम्मेदारी सौंपी गई, उन्होंने रैन बसेरों से नजर हटा ली है। जबकि एक दिन पूर्व मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए जिलाधिकारी की ओर से 'रेड अलर्ट' का मैसेज सूचना कार्यालय से जारी हुआ। रविवार को जागरण की पड़ताल में कुछ खास असर नहीं दिखा। जो तस्वीर पहले थी, वह अधिकारियों के मुंह मोड़ने से फिर बदल गई है।
17 जनवरी को एसडीएम सदर मनोज कुमार सिंह के अलावा तहसीलदार रणवीर सिंह ने नगर पालिका परिषद के अलावा फफूंद पंचायत के अंतर्गत बने रैन बसेरा का निरीक्षण किया था। दिबियापुर में भी नजर डाली। 18 जनवरी को एसडीएम लवगीत गौर ने बिधूना नगर पंचायत के तहत कस्बा समीप दुर्गा मंदिर के पीछे बने रैन बसेरा का औचक मुआयना किया। अधिशासी अधिकारी निषाद मधुरमय
को सख्त हिदायत दी कि 24 घंटे कोई न कोई कर्मचारी तैनात होना चाहिए। यहां हां तो की गई लेकिन बाद में ढर्रा पुराना अपना लिया गया। रविवार की सुबह करीब पौने आठ बजे रैन बसेरा में ताला लगा था। जरूरतमंद पहुंचे लेकिन वह लौट गए। यही तस्वीर नगर पालिका परिषद औरैया द्वारा रोडवेज डिपो परिसर में बनाए गए रैन बसेरा दिखी। जहां अलाव की कोई व्यवस्था नहीं। इसके अलावा रजाई-गद्दे बदले नहीं मिले, जो कि पीछे की टंकी के लीकेज होने से आधा से ज्यादा भीग गए थे। पूर्व निरीक्षण के दौरान रणवीर सिंह ने टंकी के लीकेज को ठीक कराने व खुली जगह को बंद करने का निर्देश पालिका के कर्मचारियों को दिया था। आदेश बेअसर रहा। गोशाला व अस्थायी गो-आश्रय स्थलों में भी मवेशियों को सुरक्षित किए जाने के बंदोबस्त खास नहीं।
----
क्या है रेड अलर्ट:
प्रशासन की ओर से जारी रेड अलर्ट में 25 से 30 जनवरी तक जिले में ज्यादा सर्दी पड़ने की संभावना जताई गई है। बारिश के साथ न्यूनतम तापमान तीन डिग्री सेल्सियस पहुंचने का अनुमान है। बावजूद जरूरतमंद व असहायों के प्रति उदासीनता बनी है।