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45 आवारा जानवरों को प्राथमिक विद्यालय में किया बंद

संवाद सूत्र, सहायल(औरैया): क्षेत्र में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां के कुछ

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 Dec 2018 06:39 PM (IST)Updated: Wed, 26 Dec 2018 06:39 PM (IST)
45 आवारा जानवरों को प्राथमिक विद्यालय में किया बंद
45 आवारा जानवरों को प्राथमिक विद्यालय में किया बंद

संवाद सूत्र, सहायल(औरैया): क्षेत्र में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां के कुछ किसानों ने लगभग 45 आवारा जानवरों को गांव के एक प्राइमरी स्कूल में जाकर बंद कर दिया। जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हुई। इन आवारा जानवरों में गाय, बैल आदि भी शामिल हैं। बताया जाता है कि ये किसान आवारा जानवरों की वजह से परेशान हैं। जिसको लेकर कई बार इसकी शिकायत अधिकारियों से की लेकिन कोई सुनवाई न होने पर स्कूल को ही इस्तेमाल में ले लिया। मामले की जानकारी बीएसए एसपी ¨सह को होने पर उन्होंने खंड शिक्षाधिकारी व प्रधानाध्यापक को हर हाल में विद्यालय को जानवरों से मुक्त कराने के निर्देश दिए। काफी प्रयास के बाद विद्यालय को जानवरों से मुक्त कराया।

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शिक्षा के मंदिर में जानवर सुनकर आप चौक जरूर जाएंगे लेकिन ये सच है। बिधूना तहसील के ताजपुर छौक में बने प्राथमिक विद्यालय परिसर में ग्रामीणों ने 45 आवारा जानवरों को लाकर बंद कर दिया। ये जानवर क्षेत्र की सड़कों, खेतों में घूमते हैं और किसानों की फसल खराब कर देते हैं। कस्बे के आस-पास गांव के किसान इन दिनों आवारा पशुओं से बहुत परेशान हैं। वैसे तो स्वयं ही अपने खेतों की रखवाली करते हैं लेकिन आजकल ठंड इतनी ज्यादा है की रात के समय खेतों की रखवाली नहीं कर पा रहे हैं। ये खेतों में घुस कर पूरी फसल तबाह कर देते हैं। कई बार अधिकारियों से गुहार लगाने पर भी किसी के कान पर जू नहीं रेंगी। गुस्साए किसान बुधवार को एकत्रित हुए और आवारा पशुओं को पकड़ कर क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय परिसर में बंद कर दिया। मामले की जानकारी पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। ग्रामीणों ने जल्द ही समस्या का निराकरण न होने पर जन आंदोलन किए जाने की बात कही है। गोशाला संचालक पर लगाए आरोप

प्रदेश सरकार गोशाला खोलने व बनवाने के लिए सख्त कदम उठा रही है। वहीं किसानों द्वारा बोई गई फसलों को जानवर नष्ट करने में लगे हुए हैं। किसानों का आरोप है कि सहार में बनी गोशाला पर जो आवारा जानवरों को छोड़ा जाता है उसे संचालक रात को छोड़ देते है। जबकि सरकार से उन्हें इसके लिए पूरा बजट मिल रहा है।


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