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माइनर के ओवरफ्लो होने से जलमग्न हुई 30 बीघा की फसलें

संवाद सूत्र एरवाकटरा विकास खंड क्षेत्र के ग्राम देईपुर में कुड़सेणा नगला बाले तक आने वा

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 11:08 PM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 11:08 PM (IST)
माइनर के ओवरफ्लो होने से जलमग्न हुई 30 बीघा की फसलें
माइनर के ओवरफ्लो होने से जलमग्न हुई 30 बीघा की फसलें

संवाद सूत्र, एरवाकटरा : विकास खंड क्षेत्र के ग्राम देईपुर में कुड़सेणा नगला बाले तक आने वाले माइनर की पुलिया कुछ दबंगों ने बंद कर दी थी। जिसकी वजह से एक सप्ताह पूर्व ओवर फ्लो की वजह से किसानों की फसलें जलमग्न हो गईं थीं। करीब 30 बीघा सरसों, आलू व गेंहू की तैयार फसलों का नुकसान हुआ है। नुकसान होने के बाद संबंधित किसानों के सपने टूटते दिख रहे हैं। जबकि किरी भी प्रकार के मुआवजा उन्हें मिलते भी नहीं दिख रहा है। जबकि काश्तकारों ने गेहूं की प्रथम सिचाई अपने निजी ट्यूबवेल से दो सप्ताह पूर्व कराई थी। पुलिया में निकास न होने के कारण रजबहा का पानी ओवरफ्लो हो गया। शिकायत करने पर एसडीएम बिधूना राशिद अली खान ने बताया कि पुलिस के साथ राजस्व टीम भेजकर बंद पुलिया को खुलवाया जाएगा। जिससे माइनर का पानी नदी में पहुंच सके। उधर,पीड़ित किसानों का कहना है कि खाद,बीज व खेत जोताई के ऋण से वे पहले ही लदे हुए हैं। जलमग्न हुई फसलों से अब किसी भी प्रकार का लाभ होता नहीं दिख रहा है। कुलमिलाकर कर्ज से दबे किसनों के लिए मानइनर का ओवरफ्लो किसी विपदा जैसे ही है। क्या कहते हैं पीड़ित किसान

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काश्तकार रामरतन पाल ने बताया कि सब भाइयों की मिलाकर पांच एकड़ भूमि है। माइनर का पानी रुक जाने से तीन दिन से फसलें डूबी हुई हैं। अधिकारियों से शिकायत करने पर कोई सुनवाई नहीं हुई। बोआई, खाद, बीज का कर्ज अदा नहीं हो पाया है। आगे के नुकसान की भरपाई का संकट मंडरा रहा है। प्रताप सिंह ने बताया कि पुलिया बंद होने की वजह से 10 बीघा फसल नष्ट होने की कगार पर है। इस वर्ष उसकी लड़की शादी भी है। ऐसे में उसके सामने भारी परेशानी खड़ी हो गई है। जैसे-तैसे उधार व व्यवहार से फसलों की बोआई कर पाए हैं। अभिषेक का कहना है कि आठ बीघा खड़ी गेंहू व आलू की फसल में एक फुट पानी भरा हुआ है। चार दिन से पानी कम नहीं हो रहा है। दो सप्ताह पहले ट्यूबवेल से सिचाई करवाई थी। वैसे भी उसके ऊपर काफी कर्जा है। मनोज कुमार की छह बीघा फसलों में पानी भरा हुआ है। आरसीएल कंपनी ने छिबरामऊ मार्ग बनवाते समय पुलिया का निर्माण कराया। उस समय मिट्टी डालकर बंद कर दी गई। इसे हटाया नहीं गया जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है।


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