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एससी एसटी एक्ट के विरोध में 27वां ज्ञापन सौंपा

संवादसूत्र दिबियापुर एससी एसटी एक्ट के दुरुपयोग को रोकने के लिए जन जागरण समिति के पदाधिक

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Nov 2020 05:56 PM (IST)Updated: Thu, 19 Nov 2020 05:56 PM (IST)
एससी एसटी एक्ट के विरोध में 27वां ज्ञापन सौंपा
एससी एसटी एक्ट के विरोध में 27वां ज्ञापन सौंपा

संवादसूत्र, दिबियापुर : एससी एसटी एक्ट के दुरुपयोग को रोकने के लिए जन जागरण समिति के पदाधिकारियों ने गुरूवार को 27वां ज्ञापन डीएम के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजा। समिति के पदाधिकारी प्रत्येक माह की 19 तारीख को राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजती हैं।

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डीएम अभिषेक सिंह को दिए ज्ञापन में पदाधिकारियों ने मांग करते हुए कहा कि जनवरी 2016 के बाद इस एक्ट में जो भी मुकदमा दर्ज हुए हैं। एक कमेटी बनाकर कर उन सभी मुकदमों की जांच कराई जाए। जांच में जिन लोगों ने फर्जी मुकदमा दर्ज करा सरकारी सहायता प्राप्त की है, उनसे ब्याज समेत पैसा बसूला जाए। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति का उत्पीड़न किया गया, उसके नुकसान और मानसिक पीड़ा भरपाई सरकारी खजाने से की जाए। इस एक्ट से एक्ट के दायरे में न आने वाले अन्य वर्गों का उत्पीड़न किया जा रहा है। इसी के चलते नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है। जब तक इस एक्ट का संशोधन हो जाएगा, तब तक हर माह की 19 तारीख को ज्ञापन दिया जाता रहेगा। इस मौके पर संगठन के अध्यक्ष महेश पांडेय, जगदीश सिंह पाल, बलवान, मिलन चौबे, टीपी सिंह, सुरेश कुमार राजपूत, रामनाथ त्रिपाठी, अरुण कुमार आदि मौजूद रहे। एससी-एसटी एक्ट में संशोधन की मांग

संवादसूत्र, फफूंद : हिदू युवा मोर्चा संघ के प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में दर्जनों कार्यकर्ताओं ने एससी-एसटी एक्ट अधिनियम अगस्त 2018 में संशोधन करने की मांग की। उन्होंने ब्लाक भाग्यनगर कार्यालय पहुंचकर राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन खंड विकास अधिकारी को सौंपा है।

गुरूवार को हिदू युवा मोर्चा संघ के प्रदेश अध्यक्ष बालकृष्ण मिश्रा अपने दो दर्जन पदाधिकारियों के साथ ब्लाक भाग्यनगर कार्यालय पहुंचे। उन्होंने बीडीओ शांति यादव को राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन में बताया कि देश की 18 प्रतिशत जनता गैर एससी-एसटी है। एससी-एसटी संशोधन अधिनियम 2018 पारित हुआ है, लेकिन इसमें इसका दुरुपयोग रोकने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। इसका अधिक दुरुपयोग हो रहा है। 1989 में बने इस कानून का 31 वर्षों के बाद भी इसका कोई अध्यन नहीं किया गया कि इससे एससी/एसटी समूह को कितना लाभ हुआ। उन्होंने कहा कि देश की 18 प्रतिशत लोगों में शामिल महिला पीड़ितों को भी एससी-एसटी समूह के बराबर ही सहायता प्रदान की जाए। साथ ही हत्या, मृत्यु, स्थायी अक्षमता, डकैती पीड़ित व अन्य पीड़ितों में जो सरकारी सहायता एससी-एसटी समूह को मिलती है। वहीं सहायता अन्य लोगों को भी प्रदान की जाए। ज्ञापन के दौरान दीपू राजपूत, विजय कुमार, नितिन त्रिपाठी, संजीव कुमार, गौरव राजपूत, अंकित शर्मा, निखिल, अरविद कुमार आदि शामिल रहे।


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