ई-विन एप से बचाई 20 लाख रुपए की वैक्सीन
जागरण संवाददाता औरैया सरकारी अस्पतालों में वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स
जागरण संवाददाता, औरैया: सरकारी अस्पतालों में वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क (ई-विन) बेहद मददगार साबित हो रहा है। कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन में टीकाकरण न होने की वजह से टीकाकरण में प्रयुक्त होने वाली वैक्सीन को बचाने की चुनौती थी। ई-विन एप के जरिए जनपद में इस दौरान लगभग 20.37 लाख रुपये कीमत की वैक्सीन को अनुपयोगी होने से बचा लिया गया।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. शिशिर पुरी ने बताया कि भारत सरकार की देखरेख में यूएनडीपी द्वारा स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से चलाए जा रही ई-विन परियोजना से वैक्सीन की ऑनलाइन निगरानी की जा रही है। कोविड-19 के कारण लॉकडाउन में टीकाकरण पर रोक लगाने के कारण वैक्सीन का प्रयोग नहीं किया जा रहा था। ऐसे में ई-विन एप के जरिए की गयी निगरानी के तहत जनवरी 2020 से अब तक लगभग 20.37 लाख रुपए कीमत की वैक्सीन खराब होने से बचाई गई है। इस मोबाइल एप्लिकेशन से सभी कोल्ड चेन में उपलब्ध वैक्सीन की ऑनलाइन मॉनीटरिग हो रही है। ऑनलाइन निगरानी के लिए जिले में एक वैक्सीन कोल्ड चेन मैनेजर नियुक्त है। इसके माध्यम से टीके की गुणवत्ता पर भी नजर रखी जा रही है। ऐसे करती है काम
वैक्सीन कोल्ड चेन मैनेजर सतेंद्र सिंह ने बताया कि वैक्सीन कोल्ड चेन प्वाइंट पर वैक्सीन के स्टॉक की मात्रा एवं भंडारण फ्रिज (आईएलआर) रियल टाइम तापमान की ऑनलाइन मानीटरिग ई-विन प्रोग्राम के अंतर्गत मोबाइल एप एवं वेब पोर्टल से की जाती है। इसके लिए जनपद के प्रत्येक कोल्ड चेन पर रखे आईएलआर में टेम्प्रेचर लांगर नाम की एक सेंसर युक्त डिवाइस स्थापित की गई है। यह डिवाइस इंटरनेट के माध्यम से प्रोग्राम के वेब पोर्टल से जुड़ी रहती है एवं निश्चित समयान्तराल पर उपकरण का तापमान पोर्टल पर अपडेट करती है। टीके के सुरक्षित भंडारण के लिए नियत तापमान की जरूरत होती है। नियत तापमान में कमी या वृद्धि के कारण टीके के खराब होने की संभावना बढ़ जाती है। इस एप की मदद से यह कार्य आसान हो गया है। कोल्ड चेन में नियत तापमान में कमी या वृद्धि होने पर अलार्म बजने लगता है। साथ ही इसकी सूचना एप के जरिये इससे जुड़े लोगों को प्राप्त हो जाती है। वैक्सीन सुरक्षित आईएलआर का तापमान 2 से प्लस 8 तक रहता है। टेम्प्रेचर लांगर से मैसेज या अलार्म के माध्यम से तापमान घटने-बढ़ने व डीप फ्रीजर बंद होने की जानकारी मिल जाती है। ऐसे में वैक्सीन को खराब होने से बचा लिया जाता है।