पढ़े-लिखे सर्विस वोटरों के रिजेक्ट हुए 21 फीसद वोट
अमरोहा पढ़े-लिखे सर्विस वोटरों के भी 21 फीसद वोट तकनीकी खामियों की वजह से रिजेक्ट करने पड़े।
अमरोहा: पढ़े-लिखे सर्विस वोटरों के भी करीब 21 फीसद वोट विभिन्न तकनीकी खामियों की वजह से रिजेक्ट करने पड़े। सर्विस वोटरों ने पोस्टल बैलेट एवं ईटीपीबी के माध्यम से मतदान करते समय छोटी-छोटी तकनीकी गलतियां की थीं जिनकी वजह से उनका मत निरस्त करना पड़ा।
जहां सामान्य निर्वाचन में 6617 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुनकर चुनाव लड़ रहे सभी दस उम्मीदवारों को नकार दिया था। इसमें 12 सर्विस वोटर भी शामिल हैं, जिन्होंने नोटा का विकल्प चुना। लोकसभा चुनाव में 2446 सर्विस वोटरों ने पोस्टल बैलेट एवं ईटीपीबी (इलेक्ट्रानिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट) के माध्यम से मतदान किया था। इनमें से 510 सर्विस वोटरों ने पोस्टल बैलेट तो 1936 सर्विस वोटरों ने ईटीपीबी के माध्यम से मतदान किया। 23 मई को मतगणना हुई तो इनमें से 512 मत निरस्त करने पड़े। किसी या तो घोषणा-पत्र भरा नहीं था, यदि भरा तो अधूरा था। यही नहीं घोषणा पत्र पर खुद के या सक्षम अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं थे।
इनके अलावा कुछ पोस्टल बैलेट ऐसे थे जिनमें बैलेट पेपर पर एक से ज्यादा उम्मीदवारों के नाम के आगे कोई चिह्न लगाया था। प्रभारी पोस्टल बैलेट सुखवीर सिंह ने बताया कि पोस्टल बैलेट एवं ईटीपीबी के माध्यम से करीब 2446 सर्विस वोटरों ने मतदान किया। इनमें से 512 पोस्टल बैलेट एवं ईटीपीबी आयोग की गाइड लाइन के अनुरूप खरा नहीं उतर पाए, लिहाजा 512 मतों को निरस्त कर दिया गया।