हाईवे पर पांच किमी तक लगा जाम, पुलिस ने किया रूट डायवर्जन
अमरोहा संसद से पारित कृषि विधेयकों के विरोध में किसान संगठनों के आह्वान पर लगाए गए जाम में लोगों को दिक्कत हुई।
अमरोहा : संसद से पारित कृषि विधेयकों के विरोध में किसान संगठनों के आह्वान पर आयोजित भारत बंद के तहत जनपद में किसानों ने चक्का जाम कर दिया। दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर तीन जगह जाम लगाया। इससे हाईवे पर करीब पांच किलोमीटर तक जाम लग गया। वाहनों में सवार यात्री बेचैन हो गए। कुछ वाहन में बैठकर जाम खुलने का इंतजार करते रहे तो कुछ नीचे उतरकर खाने का सामान ढूंढते नजर आए। वाहनों के लंबे जाम को देखते ही पुलिस व प्रशासन हरकत में आ गया। दिल्ली से आने वाले वाहनों को गजरौला से डायवर्ट कर दिया। यह वाहन हसनपुर होते हुए सम्भल रोड पर निकल रहे थे। इसके अलावा लखनऊ से आने वाले वाहनों को जोया में सम्भल डायवर्ट कर दिया। यह हसनपुर होते हुए गजरौला पर जाकर निकल रहे थे। जाम खुलने के बाद ही पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने राहत की सांस ली। काफी देर तक हाईवे पर वाहन रेंग-रेंगकर गुजरते नजर आए। किसान आंदोलन में टूट गया शारीरिक दूरी का नियम
अमरोहा: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को लेकर सरकार काफी जतन कर रही है और सभी से मास्क पहनकर घरों से बाहर निकले व शारीरिक दूरी बनाए रखने की बात कह रही है लेकिन, शुक्रवार को हुए किसान आंदोलन में शारीरिक दूरी के सभी नियम टूट गए। आंदोलन के दौरान किसानों ने किसी भी नियम का पालन नहीं किया। एक-दूसरे से भिड़े रहे। हैरानी की बात ये है कि जिलाधिकारी उमेश मिश्र व पुलिस अधीक्षक डॉ.विपिन ताडा ने किसानों के बीच में पहुंचकर उनको समझाया। बताया भीड़ ज्यादा एकत्र न करें। शारीरिक दूरी एक दूसरे से बनाए रखें लेकिन, ऐसा किसी भी जगह नजर नहीं आया। किसान बेपरवाह होकर आंदोलन में जुटे रहे। इधर से न निकलेगा अब कोई भी वाहन
अमरोहा: पंचायत के बाद जब किसान अतरासी चौराहे पर जाम लगाने पहुंच गए तो एक बुजुर्ग किसान को देखकर हर कोई हैरत में पड़ गया। वह ट्रैक्टर और ट्राली के बीच में लेट गए। उनका मकसद था कि कोई भी दुपहिया या चारपहिया वाहन भी इधर से नहीं निकलने देना है। जाम खुलने के बाद ही अन्य साथियों ने उनको वहां से हटाया। पुलिस के साथ तीन कंपनी पीएसी बल भी रहा तैनात
अमरोहा: किसान आंदोलन को लेकर पुलिस प्रशासन ने सभी जगह सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए थे। तीनों जगह पुलिस के साथ-साथ पीएसी बल तैनात किया था। आंदोलन के दौरान स्थानीय अभिसूचना इकाई के सदस्य भी किसानों की गतिविधियों पर बराबर नजर रख रहे थे। एसडीएम, सीओ व थानेदार लगातार धरना स्थल पर घूमते रहे।