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महिलाओं ने निर्जल व्रत रखकर छठी माता से की बच्चों के दीर्घायु की कामना

जिलेभर में छठ पूजा पर महिलाओं ने अपने बच्चों के लिए निर्जल उपवास रखा। शाम को गुड़-चावल की खीर बनाकर घर पर छठी माता की वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा अर्चना की। माता को भोग लगाकर बच्चों के दीर्घायु की कामना की।

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Nov 2020 12:15 AM (IST)Updated: Fri, 20 Nov 2020 12:15 AM (IST)
महिलाओं ने निर्जल व्रत रखकर छठी माता से की बच्चों के दीर्घायु की कामना
महिलाओं ने निर्जल व्रत रखकर छठी माता से की बच्चों के दीर्घायु की कामना

अमरोहा : जिलेभर में छठ पूजा पर महिलाओं ने अपने बच्चों के लिए निर्जल उपवास रखा। शाम को गुड़-चावल की खीर बनाकर घर पर छठी माता की वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा अर्चना की। माता को भोग लगाकर बच्चों के दीर्घायु की कामना की। इसके बाद प्रसाद के रूप में खुद भी ग्रहण किया।

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जिलेभर में छठ पूजा के पहले दिन गुरुवार की सुबह ही महिलाएं उठी और स्नान कर अपने बच्चों के लिए छठी माता का निर्जल व्रत रखा। शाम होते ही व्रत रखने वाली महिलाओं ने मिट्टी के चूल्हों पर गुड़ और चावल की खीर(खरना) बनाई। इसके बाद घर पर ही विधि-विधान से मंत्रोच्चार के साथ खरना पूजा कर माता छठी को खीर का भोग लगाया और बच्चों के दीर्घायु की कामना की। इसके बाद व्रती महिलाओं ने खीर को प्रसाद के रूप में ग्रहण किया। पंडित विद्यानंद झा ने बताया कि महिलाएं चार दिन तक बच्चों के लिए उपवास रखती हैं। जिसमें आज यानि शुक्रवार को व्रती महिलाएं शाम को पूजा अर्चना का सामान सूप-बांस की टोकरी लेकर नदी या सरोवर तक पहुंचेगी। सरोवर में कमर तक जल में खड़े होकर डूबते सूर्य को अ‌र्घ्य देकर परिवार में सुख समृद्धि की कामना करेंगी। ऐसा करने से श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। उन्होंने बताया कि इसमें जिलेभर से लगभग 20-25 परिवार शामिल होंगे। छठ पूजा को लेकर महिलाओं ने रखा उपवास

गजरौला : छठ पूजा महोत्सव आरंभ हो गया है। गुरुवार को महिलाओं ने उपवास रखकर शाम को गुड से बनी मीठी खीर खाकर उपवास खोला। एमडीए कालोनी के अरविद श्रीवास्तव ने बताया कि छठ पूजा महोत्सव आरंभ हो गया है। गुरुवार को खरना का दिन होने के कारण महिलाएं सुबह से ही उपवास में रहीं। शाम को गुड से बनी खीर खाकर उपवास खोला गया। उनके परिवार में रीना श्रीवास्तव, क्षेत्र की रंजना झा और नागेंद्र झा इत्यादि परिवारों की महिलाओं ने उपवास रखा। बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते गंगा तट पर जाने की अनुमति नहीं मिलने पर पर्व संबंधी सभी धार्मिक कार्य घर पर ही किए जाएंगे।


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