गजरौला में पुलिस की चौखट पर मजाक बनी पीड़िता
गजरौला यूं तो सरकार ने महिलाओं पर अत्याचार करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दे रखे हैं।
गजरौला : यूं तो सरकार ने महिलाओं पर अत्याचार करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए कह रखा है लेकिन, औद्योगिक नगरी में पुलिस की चौखट पर एक बेसहारा पीड़िता 18 दिन से मजाक बन रही है। जेठों का सितम सहने वाली इस पीड़िता का शरीर भी उनके अत्याचार की गवाही दे रहा है।
थाना क्षेत्र के गांव पपसरा खादर निवासी नजमुद्दीन के तीन बच्चे हैं। वह नोएडा में काम करता है। गांव में पत्नी रिहाना बच्चों के साथ रहती है। 17 जुलाई को नल पर पानी भरने को लेकर जेठ सलालुद्दीन से विवाद हो गया। उस समय जेठ सलालुद्दीन व फिजाउद्दीन ने मारपीट कर उसे घर निकाल दिया। उसी दिन रेहाना थाने पहुंची, थाने में घंटों पेड़ के नीचे बैठी रही। कोई कार्रवाई नहीं होने पर चली गई। शनिवार की शाम हल्का प्रभारी राजेंद्र सिंह उसके घर पहुंचे। बात सुनीं और लौट आए। पीड़िता के अनुसार उसने आरोपितों को घर के पास खड़ा हुआ दिखाया लेकिन, दारोगा ने उन्हें बुलाकर पकड़ने की बात तो दूर उनसे पूछताछ भी नहीं की।
इधर, रविवार को सुबह दोनों जेठों ने फिर से रेहाना को पीटा। इतनी बेरहमी के साथ पिटाई कि शरीर गवाही दे रहा है। आंखें सूज गई हैं, शरीर पर चोटो के निशान हैं। पैर की चोटो से चलने में लाचार है। पीड़िता ने फूट-फूटकर रोते हुए बताया तीन बच्चे हैं। यहां पति का भी कोई सहारा नहीं है। जैसे-तैसे गुजर बसर करती हूं। इसके बाद भी पुलिस मदद करने के लिए तैयार नहीं है।
..शायद पहले ही हो जाती कार्रवाई
गजरौला : 18 दिन के अंदर रविवार को दूसरी बार तीनों बच्चों को लेकर थाने पहुंची रिहाना की हालत देखकर पुलिस ने जेठों ने खिलाफ एनसीआर दर्ज कर इतिश्री कर दी। यही कार्रवाई करनी थी तो पहली बार थाने आई थी तो उसी दिन करनी चाहिए थी। प्रभारी निरीक्षक जयवीर सिंह ने बताया एनसीआर दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। अस्पताल में मेडिकल कराने पहुंची महिला को बुरी तरह से पीटा गया था। उसकी आंख न सिर्फ सूजी हुई थी बल्कि चोट भी लगी थी। शरीर पर भी चोट के निशान थे। पैर में भी चोट है।
डॉ. योगेंद्र सिंह, चिकित्सा अधीक्षक, गजरौला।