सूर्य ग्रहण के दौरान घरों में हुआ भजन-कीर्तन
साल का पहला सूर्य ग्रहण पड़ने से पूर्व ही लोग नित्य स्नान कर खाना खाकर तैयार।
अमरोहा, जेएनएन। साल का पहला सूर्य ग्रहण पड़ने से पूर्व ही लोग नित्य स्नान कर खाना खाकर तैयार हो गए। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में सभी मंदिरों के कपाट बंद हो गए। ग्रहण पड़ना शुरू हुआ तो लोग परिवार समेत अपने-अपने घरों में कैद हो गए। घरों में भजन-कीर्तन व पूजा-अर्चना का सिलसिला चलता रहा। ग्रहण समाप्ति के बाद विधिवत पंडितों को दान दक्षिणा देकर विदा किया।
सूर्य ग्रहण तथा चंद्र ग्रहण काल में मंदिरों में पूजा अर्चना करना अशुभ माना जाता है। लिहाजा सूर्य ग्रहण से पूर्व ही सूतक काल में जिलेभर के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में श्री वासुदेव तीर्थ समेत सभी मंदिरों के कपाट पुजारियों ने बंद कर दिए थे। रविवार की सुबह लोग जल्दी उठे और नित्य स्नान कर सूर्यग्रहण से पूर्व ही खाना खाकर तैयार हो गए। करीब सुबह 9.15 से सूर्य ग्रहण पड़ना शुरू हुआ तो सब काम छोड़ लोग परिजनों के संग अपने घरों में कैद हो गए। भगवान की पूजा-अर्चन में मग्न हो गए। सूर्य ग्रहण शुरू होने से खत्म होने तक घर-घर भजन-कीर्तन का सिलसिला चलता रहा। इस बीच लोग सीसे व कैमरों के माध्यम से सूर्य ग्रहण को निहारते हुए भी नजर आए। सूर्य ग्रहण करीब 3.00 बजे खत्म होने के बाद लोगों ने विधिवत पंडितों को दान दक्षिणा देकर विदा किया।
ग्रहण के दौरान खाने-पीने की चीजों से रहे दूर
अमरोहा : सूर्य या चंद्र ग्रहण के दौरान भोजन व अन्य किसी चीज का खाना अशुभ है। लिहाज वैसे तो लोगों ने ग्रहण से पूर्व ही खाना खा लिया था, लेकिन कुछ लोगों को सुबह खाने की आदत नहीं है। जिससे वह खाना नहीं खा सके। सूर्य ग्रहण की समाप्ति के बाद ही खाना खाया। सूर्य ग्रहण खत्म होने के बाद मंदिरों के खोले कपाट
अमरोहा : वासुदेव तीर्थस्थल के पुजारी विद्यानंद झा ने बताया कि सूर्य ग्रहण से पूर्व रविवार की सुबह मंदिर के कपाट बंद कर दिए थे। करीब तीन बजे सूर्य ग्रहण खत्म होने पर मंदिरों के कपाटों को खोला गया। गंगाजल से मंदिर की धुलाई, प्रतिमाओं को स्नान कराने के बाद विधिवत मंदिरों में पूजा अर्चना की गई।