हेल्प डेस्क के अभाव में धक्के खा रहे खाताधारक
गजरौला बैंक शाखाओं में सबसे बड़ी दिक्कत हेल्प डेस्क का अभाव है।
गजरौला : बैंक शाखाओं में सबसे बड़ी दिक्कत हेल्प डेस्क का अभाव है। इसमें कोई संदेह नहीं की बैंक शाखाओं में आवश्यकता के हिसाब से स्टाफ कम है और काम अधिक है। ऐसे में ग्राहकों को वह पर्याप्त समय नहीं दे पाते और ग्राहक अपनी समस्याओं के समाधान को संतुष्ट नहीं हो पाता। आनलाइन का दौर है। बैंकिग के अधिकांश कामकाज आनलाइन हो चुके हैं लेकिन अधिकांश ग्राहक इसकी बेहतर जानकारी से वाकिफ नहीं हुए हैं। इस तरह की दिक्कतों से दो-चार होना पड़ रहा है।
व्यापारी नेता सुबोध सिघल का कहना है कि बैंक शाखाओं में हेल्प डेस्क होनी चाहिए, जो किसी बैंक शाखा में नजर नहीं आती है। यह सबसे बड़ी दिक्कत है। इसे दूर किया जाना चाहिए। इसकी जरूरत इसलिए है। चूंकि ज्यादातर बैंक शाखाओं ने अपना कामकाज आनलाइन कर दिया है। ग्राहक किसी समस्या को लेकर बैंक प्रबंधक व स्टाफ के पास जाता है तो वह उसे समझाने के बजाए एप का हवाला दे देते हैं। ग्राहक उनकी बात को समझ नहीं पाता। वह रुष्ट होकर निकल जाता है। अमूमन ऐसा सभी बैंक शाखाओं में देखने को मिलता है। चूंकि बैंक ग्राहक को सभी ऐप इत्यादि तकनीकी बातों की जानकारी नहीं है।
सिद्धार्थ इंटर कालेज के प्रबंधक व बैंक ग्राहक रवि राज कहते हैं कि ग्राहक व बैंक स्टाफ दोनों के पास समय कम है। अब बैंकों में कामकाज का समय सुबह दस से दोपहर दो बजे तक कर देने से यह दिक्कत और बढ़ गई है। छह घंटे के कार्य को चार घंटे में निबटाने में कुछ दिक्कतें तो रहेंगी। डॉ राजीव शुक्ला का कहना है कि बैंकों में कनेक्टीविटी की दिक्कत बढ़ रही है। इस कारण ग्राहकों को अपनी पासबुक अपडेट कराने इत्यादि में दिक्कत आती है। दूसरे कुछ बैंक शाखाओं ने चेक को बॉक्स में डालने की व्यवस्था कर दी है। उसकी रिसीविग नहीं दी जाती है। ऐसे में चेक मिस होने पर ग्राहकों को परेशानी आएगी।
चौपला स्थित प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक शाखा के प्रबंधक संजय गर्ग ने कहा कि वर्तमान में कोरोना की वजह से बैंक ग्राहकों ने स्वयं ही आना कम कर दिया था। अब समय कम होने के बाद कम ग्राहक आ रहे हैं। सभी की समस्याएं दूर की जा रही हैं। दावा किया कि सारे साफ्टवेयर अपडेट हो चुके हैं। वहीं बैंक खातों के अपडेट इत्यादि का कोई कार्य लंबित नहीं है।