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Terror funding: उत्तर प्रदेश में आतंकी कनेक्शन में 13 लोगों के बैंक अकाउंट की जांच शुरू

उत्तर प्रदेश व दिल्ली में आइएस के मॉड्यूल का पर्दाफाश होने के बाद विदेशों से फंडिंग व आइएसडी कॉल को लेकर एनआइए ने बड़ा एक्शन लेना शुरू कर दिया है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sat, 29 Dec 2018 09:21 PM (IST)Updated: Sat, 29 Dec 2018 09:21 PM (IST)
Terror funding: उत्तर प्रदेश में आतंकी कनेक्शन में 13 लोगों के बैंक अकाउंट की जांच शुरू
Terror funding: उत्तर प्रदेश में आतंकी कनेक्शन में 13 लोगों के बैंक अकाउंट की जांच शुरू

अमरोहा,आसिफ अली। उत्तर प्रदेश व दिल्ली में आइएस के मॉड्यूल का पर्दाफाश होने के बाद विदेशों से फंडिंग व आइएसडी कॉल को लेकर एनआइए ने बड़ा एक्शन लेना शुरू कर दिया है। संदिग्ध आतंकियों से पूछताछ के बाद प्रदेश के 13 बैंक अकाउंट की जांच शुरू कर दी है। साथ ही 150 मोबाइल नंबर भी सर्विलांस पर लगा दिए हैं। उनकी कॉल डिटेल भी निकलवाई जा रही है। माना जा रहा है कि जल्दी ही आतंकी प्रकरण में बड़ा राजफाश हो सकता है। अमरोहा में बुधवार आतंकी मुफ्ती सुहैल की गिरफ्तारी के बाद विदेशों से फंडिंग किए जाने का मामला प्रकाश में आया।

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युवाओं को जोडऩे के लिए पैसे का लालच 

आतंकी संगठन से युवाओं को जोडऩे के लिए उन्हें पैसे का लालच दिया जा रहा था। इस मामले को लेकर सुहैल के बैंक खातों की जांच भी कराई जा रही है। शनिवार को हुई पूछताछ के दौरान एनआइए को अहम जानकारी मिली है। विदेशों से केवल सुहैल के पास ही नहीं बल्कि प्रदेश के कई लोगों के खातों में पैसा पहुंचा है। सूत्र बताते हैं पूछताछ के दौरान आतंकियों ने प्रदेश के 13 लोगों के बैंक एकाउंट की जानकारी दी है। इनके खातों में भी विदेशी फंङ्क्षडग की गई है। अभी तक एनआइए को मिली प्राथमिक जानकारी में इस बाद का पता चला है कि अमरोहा के अलावा मेरठ, कानपुर, फतेहपुर, उन्नाव व लखनऊ के बैंक खाते व मोबाइल नंबर शामिल हैं। हालांकि इस बारे में अफसर अधिकृत जानकारी देने से बच रहे हैं।

धार्मिक स्थलों और नेताओं पर आतंकी हमले का खतरा

जिले में आतंकी नेटवर्क के पर्दाफाश होने के बाद नया खतरा मंडरा रहा है। सुरक्षा एजेंसियों ने मुरादाबाद मंडल के कुछ धार्मिक स्थलों व नेताओं पर आतंकी हमले का खतरा जताया है। एजेंसियों ने स्थानीय प्रशासन को भविष्य में किसी अनहोनी को रोकने के संबंध में सुरक्षा बरतने संबंधी दिशा-निर्देश दिए हैं। दो साल पहले दिल्ली में लश्कर के आतंकी पकड़े जाने पर पश्चिमी यूपी के धार्मिक स्थलों पर हमले की साजिश का पर्दाफाश हुआ था। इन धार्मिक स्थलों में नौगावां सादात का एक इमामबाड़ा, मेरठ के सरधना का चर्च व ब्रजघाट स्थित मंदिर का जिक्र भी किया गया था। अब जिले में आइएस के मॉड्यूल का पर्दाफाश होने के बाद फिर से यही संकेत मिले हैं। सूत्रों के मुताबिक पकड़े संदिग्ध आतंकियों के निशाने पर मुरादाबाद मंडल के कई धार्मिक स्थल व नेता थे। पूछताछ के दौरान खुफिया एजेंसियों को जानकारी मिली है। मुरादाबाद, रामपुर, अमरोहा, बिजनौर व सम्भल के धार्मिक स्थल व नेताओं पर आतंकी हमले की साजिश रचे जाने की जानकारी से खुफिया ने प्रत्येक जिले के प्रशासन को अवगत कराया है। पुलिस अधीक्षक विपिन ताडा ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियों से जो भी इनपुट या निर्देश मिलता है, उस पर काम होता है।

अब रिहाई मंच उतरा बचाव में

यूपी और दिल्ली में आतंकी संगठन के सरगना समेत दस युवकों की गिरफ्तारी को लेकर रिहाई मंच भी जमीयत के साथ आ गया है। दोनों आरोपितों को निर्दोष बताकर बचाव कर रहे हैं। मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब ने गिरफ्तारी पर सवाल खड़े करते हुए पकड़े युवकों को कानूनी मदद देने का एलान किया है। उन्होंने जारी बयान में कहा कि बुधवार को यूपी व दिल्ली में गिरफ्तार दस लोगों को साजिश के तहत फंसाया गया है। जमीयत उलमा-ए- ङ्क्षहद की ही तरह रिहाई मंच भी युवकों को कानूनी मदद मुहैया कराएगा। आवामी काउंसिल के महासचिव असद हयात ने आरोप लगाया कि एनआइए ने ट्राली में लगने वाली हाइड्रोलिक को राकेट लांचर, सुतली बम, देसी कट्टा के माध्यम से सभी युवकों को आतंकी करार दिया है। इस मामले में रिहाई मंच उनके परिजनों के साथ हैं। 

सुहैल के परिजन नहीं कर रहे किसी से बात

एनआइए की गिरफ्त में आए आइएस के यूपी चीफ मुफ्ती सुहैल के परिजनों ने फिलहाल चुप्पी साथ ली है तथा लोगों से इस संबंध में बात तक नहीं कर रहे हैं। वहीं सईद, रईस व इरशाद के परिजन कानूनी लड़ाई के लिए आगे आए हैं। सईद व रईस के भाई अब्दुल माजिद ने बताया कि उनके भाई बेकसूर हैं। उन्हें बचाने के लिए वे कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। वहीं इरशाद के भाई औरंगजेब का कहना है कि इरशाद देश का गद्दार नहीं है। वह आखिर दम तक भाई को बेकसूर साबित करने के लिए अदालत का सहारा लेंगे।

मुरादाबाद मंडल में बाहरी लोगों की होगी पड़ताल

आतंकियों के लिए पनाहगाह बन चुके मुरादाबाद मंडल पर सुरक्षा एजेंसियों ने पैनी निगाह गड़ा दी हैं। एक दशक में मंडल में बढ़ी आतंकी गतिविधियों के मद्देनजर पांचों जिलों में रहने वाले दूसरे राज्यों के लोगों पर नजर रखने की शुरुआत हो गई है। खुफिया एजेंसियां अपने स्तर से दूसरे राज्यों के लोगों की पड़ताल करेंगी। खुफिया एजेंसियां विशेष तौर पर मुरादाबाद मंडल के अमरोहा, सम्भल, रामपुर, बिजनौर व मुरादाबाद जिलों में रहने वाले बाहरी लोगों को लेकर काम कर रही हैं। सूत्र बताते हैं कि जिलों में रहने वाले बाहरी लोगों की ग्राउंड रिपोर्ट तैयार होगी, जिसमें पता लगाया जाएगा कितने लोग हैं तथा कब से यहां रह रहे हैं। उनका यहां रहने का उद्देश्य क्या है तथा यहां क्या कर रहे हैं। 


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