Move to Jagran APP

80 रुपये में दवा लीजिए, तीन हजार में खून

जेएनएन अमरोहा स्वास्थ्य महकमे के रहमोकरम पर जिले में झोलाछाप की लगभग पांच सौ दुकानें ख

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Dec 2021 11:40 PM (IST)Updated: Fri, 03 Dec 2021 11:40 PM (IST)
80 रुपये में दवा लीजिए, तीन हजार में खून
80 रुपये में दवा लीजिए, तीन हजार में खून

जेएनएन, अमरोहा : स्वास्थ्य महकमे के रहमोकरम पर जिले में झोलाछाप की लगभग पांच सौ दुकानें खुलेआम चल रही हैं। इन पर एलोपैथ की दवाओं के साथ ही खून का काला कारोबार भी होता है। इतना ही नहीं भ्रूण लिग परीक्षण की सुविधा भी मुहैया कराई जाती है। सबसे अधिक ऐसी दुकानें हसनपुर क्षेत्र में संचालित हैं। दैनिक जागरण के स्टिंग आपरेशन में इसका राजफाश होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने भी मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल कर फर्जी क्लीनिक को सील कर दिया। अब एफआइआर की तैयारी की जा रही है।

loksabha election banner

हसनपुर में बीते 27 अक्टूबर को एक गर्भवती का भ्रूण परीक्षण किया गया था। गर्भ में बेटी बताकर उसका गर्भपात करा दिया गया। गर्भपात कराने के बाद पता चला कि गर्भ में बेटी नहीं बल्कि बेटा था। इसको लेकर गर्भवती के स्वजन ने हंगामा किया था। इस पर स्वजन को 50 हजार रुपये देकर शांत करा दिया गया था। हसनपुर में संचालित गिरोह फर्जी तरीके से क्लीनिक संचालित करता है। यहां पहुंचने वाले भोले-भाले व अशिक्षित मरीजों को दवाएं देने के साथ ही भ्रूण लिग परीक्षण तो किया ही जाता है साथ में गर्भपात कराने व खून मुहैया कराने का भी ठेका लिया जाता है। इसी की पड़ताल के लिए शुक्रवार को दैनिक जागरण ने एक मरीज तैयार कर पूठ रोड, निकट घासमंडी स्थित शिवकेश हेल्थ केयर सेंटर पर भेज दिया। यहां एक सहायक के साथ बैठे झोलाछाप परबिदर ने मरीज का हाल पूछा। पुराना बुखार व खांसी बताए जाने पर परबिदर ने 80 रुपये लेकर तीन दिन की दवाएं पकड़ा दीं। इस पर मरीज ने कहा कि घर में पत्नी बीमार पड़ी है उसे खून की जरूरत है, कहां मिलेगा। परबिदर ने तीन दिन में खून मुहैया कराने का वादा करते हुए कीमत तीन हजार रुपये बताई। इसके बाद मौके पर पहुंची जागरण टीम को देख परबिदर सकपका गया। बाद में बोला, ज्यादा कुछ नहीं होगा, स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों से गहरी जान-पहचान है, ले-देकर मना लेंगे। भनक लगते ही दौड़े अधिकारी

अमरोहा : दैनिक जागरण की टीम द्वारा शिवकेश हेल्थ केयर सेंटर पर स्टिग किए जाने की खबर पर स्वास्थ्य विभाग भी हरकत में आ गया। नोडल अधिकारी डा. सुरेंद्र टीम लेकर मौके पर पहुंच गए। उन्हें भी परबिदर क्लीनिक पर ही मिला। डा. सुरेंद्र ने बताया कि इस क्लीनिक का न तो पंजीकरण है और न ही परबिदर चिकित्सक है। यह क्लीनिक पूरी तरह फर्जी तरीके से चल रहा था, जिसे सील कर दिया गया है। संचालक के खिलाफ एफआइआर कराई जाएगी। नशेड़ियों को बना रहे निशाना

क्लीनिक संचालित कर रहे झोलाछाप नशेड़ियों को निशाना बना रहे हैं। उनसे आठ सौ से लेकर एक हजार रुपये में सौदा तय करते हैं। उसके बाद एक बोतल खून लेकर उसे रकम दे देते हैं। इस खून की आपूर्ति तीन से चार हजार रुपये में कराई जाती है। इस खून का उपयोग भी मुख्य रूप से आपरेशन करने वाले झोलाछाप ही करते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.