शमी के भाई ने बाल कल्याण समिति के समक्ष दर्ज कराए बयान
क्रिकेटर मोहम्मद शमी के व्यस्ता के चलते नहीं पहुंच सके थे। उनके स्थान पर बड़े भाई हसीब अहमद बयान दर्ज कराने पहुंचे थे। हसीब अहमद ने पूरे प्रकरण को लेकर अपने लिखित बयान दर्ज कराए हैं। हरपाल सिंह अध्यक्ष बाल कल्याण समिति।
अमरोहा: पत्नी व बेटी के उत्पीड़न के मामले में क्रिकेटर मोहम्मद शमी व्यस्तता के चलते मंगलवार को बाल कल्याण समिति के समक्ष बयान दर्ज कराने नहीं पहुंच सके। वर्तमान में वह टीम इंडिया के साथ जुड़े हैं। लिहाजा उनके स्थान पर बड़े भाई हसीब अहमद बाल कल्याण समिति के समक्ष हाजिर हुए थे। हसीब अहमद ने समिति के समक्ष पहुंच कर बयान दर्ज कराए। टीम इंडिया के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी व उनके परिजनों पर माह अप्रैल में उनकी पत्नी हसीन जहां ने जबरन घर से निकालने, अस्पताल में बंद रखवाने समेत कई आरोप लगाते हुए उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। हसीन जहां ने डिडौली पुलिस पर भी उत्पीड़न के आरोप लगाते हुए राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने मामले की जांच जिला बाल कल्याण समिति को सौंपी थी। लिहाजा सोमवार को हसीन जहां अपने बयान दर्ज कराने बाल कल्याण समिति के दफ्तर पहुंची थीं। शपथ पत्र देकर हसीन जहां ने अपने बयान दर्ज करा दिए थे। इस क्रम में समिति नोटिस पर मंगलवार को क्रिकेटर के बड़े भाई हसीब अहमद अपना पक्ष रखने समिति के समक्ष हाजिर हुए। दोपहर लगभग दो बजे हसीब अहमद समिति के कार्यालय पहुंचे तथा शपथ पत्र दाखिल कर अपने लिखित बयान दर्ज कराए। इस दौरान उनके साथ चाचा आशकार हुसैन व मोहम्मद उसमान भी मौजूद रहे। लगभग एक घंटा तक वह समिति के दफ्तर में रहे। बयान दर्ज कराने के बाद वह रवाना हो गए। क्रिकेटर मोहम्मद शमी के व्यस्तता के चलते नहीं पहुंच सके थे। उनके स्थान पर बड़े भाई हसीब अहमद बयान दर्ज कराने पहुंचे थे। हसीब अहमद ने पूरे प्रकरण को लेकर अपने लिखित बयान दर्ज कराए हैं। हरपाल सिंह, अध्यक्ष बाल कल्याण समिति।
जांच कमेटी का गठन किया अमरोहा: बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष हरपाल सिंह ने बताया कि उत्पीड़न मामले में हसीन जहां की शिकायत के बाद राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के आदेश पर दोनों पक्षों के बयान दर्ज कराए जा चुके हैं। अब बाल संरक्षण अधिकारी के नेतृत्व में तीन सदस्यों की टीम का गठन किया गया है। यह टीम गांव, जिला अस्पताल व डिडौली कोतवाली जाकर मामले की जांच करेगी। एक सप्ताह में टीम से जांच रिपोर्ट मांगी गई है। ताकि राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग को प्रेषित की जा सके।