एक साथ चार अर्थी देख कांप उठा कलेजा
हसनपुर शनिवार व रविवार का दिन ईसापुर शर्की गांव के चंद्रपाल सैनी के परिवार को जिंदगी भर का दुख दे गया।
हसनपुर: शनिवार व रविवार का दिन ईसापुर शर्की गांव के चंद्रपाल सैनी के परिवार को ऐसा दुख दे गया कि स्वजन कभी नहीं भूल पाएंगे। सड़क हादसे में चंद्रपाल सैनी के साथ एक मासूम धेवती व दो धेवतों की मौत हो गई। रविवार को पोस्टमार्टम के बाद चार शव गांव पहुंचे तो पत्थर दिल भी आंसू नहीं रोक पाए। बच्चों की मां, बहनें व स्वजन दहाड़े मार कर रो रहे थे।
दरअसल पिछले सप्ताह वर्षा होने पर फसलों की सिचाई से निजात मिलने पर किसान चंद्रपाल सैनी गांव खरसौली में अपनी बेटी कमलेश व सुनीता की कुशलता लेने गए थे। वापसी में लाड़ प्यार में वह अपने चार मासूम धेवती व धेवतों को भी घर ला रहे थे। उन्हें यह पता नहीं था कि उनके साथ मासूम बच्चों को भी काल घेर रहा है। लेकिन, ईश्वर की नियति को कौन टाल सकता है। हादसे में चंद्रपाल सैनी व धेवती अंशिका की मौके पर तथा धेवते जतिन की सीएचसी में मौत हो गई। जबकि, दूसरे धेवते अनमोल ने रविवार सुबह अस्पताल में दम तोड़ दिया।
चारों के शव पोस्टमार्टम होकर एक साथ दोपहर बाद गांव पहुंचे। घर से चार अर्थी एक साथ उठने पर चीत्कार मच गई। गांव का माहौल गमगीन हो गया। हर आंख से आंसू टपक रहे थे। सांत्वना देने पहुंचे विधायक महेंद्र सिंह खडगवंशी भी चार मौतों के गम का मंजर देखकर भावुक हो गए। शाम को दियावली में गंगा घाट पर एक साथ चारों की चिता जलाकर गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया। बड़ी नसीहत दे गई अनमोल व जतिन की मौत
नाना के साथ हादसे में मरे मासूम अनमोल व जतिन आदमपुर थाना क्षेत्र के गांव पौरारा निवासी भगवानदास के बेटे थे। दरअसल पुश्तैनी दुकान के विवाद में 15 अगस्त 2020 को भगवानदास ने अपने बडे़ भाई रामकेश की गड़ासे से प्रहार कर हत्या कर दी थी। भाई की हत्या के जुर्म में वह जेल में बंद है। पति के जेल जाने के बाद से पत्नी सरोज अपनी दस वर्षीय बेटी छवि व बेटे अनमोल व जतिन के साथ अपने पिता के घर ईसापुर शर्की में रह रही थी। भाई की हत्या में जेल काट रहे भगवानदास को अपने दो कलेजे के टुकड़ों का चेहरा भी देखने को नसीब नहीं हो पाया।