Move to Jagran APP

वार्ड के खात्मे से दिख रहा सियासी नफा-नुकसान

हसनपुर ग्राम पंचायत सैदनगली को नगर पंचायत बनाने पर जिला पंचायत के वार्ड संख्या 18 को समाप्त किया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2021 11:29 PM (IST)Updated: Mon, 18 Jan 2021 11:29 PM (IST)
वार्ड के खात्मे से दिख रहा सियासी नफा-नुकसान
वार्ड के खात्मे से दिख रहा सियासी नफा-नुकसान

हसनपुर : ग्राम पंचायत सैदनगली को नगर पंचायत बनाने पर जिला पंचायत के 18 वार्ड से केवल सैदनगली और इकौदा ग्राम पंचायत अलग हुई हैं। लेकिन, जिला पंचायत के 50 हजार की आबादी वाले वार्ड 18 को खत्म कर देने में सियासी नफा-नुकसान की झलक दिखाई पड़ रही है। इस सीट पर चुनाव लड़ चुके एवं दावेदारी कर रहे लोगों को वार्ड निरस्त होने का मलाल है।

loksabha election banner

बताते चलें ण्शासन द्वारा 10 हजार मतदाताओं वाली ग्राम पंचायत सैदनगली को नगर पंचायत बनाने में चार ग्राम पंचायतें शामिल हुई हैं। इनमें सैदनगली, इकौदा, मेहंदीपुर तथा सब्दलपुर शर्की शामिल हैं। इनमें से 1100 मतदाताओं वाली ग्राम पंचायत मेहंदीपुर और 2000 मतदाताओं वाली सब्दलपुर शर्की जिला पंचायत के वार्ड 15 में पहले से ही हैं। जबकि, करीब 10 हजार मतदाताओं वाली ग्राम पंचायत सैदनगली और 2700 मतदाताओं वाली ग्राम पंचायत इकौदा के वार्ड 18 से जुदा होने पर शासन ने आंशिक परिसीमन के आदेश जारी किए। इसी के फेर में 50 हजार की आबादी वाले वार्ड 18 को खत्म करने से जिला पंचायत अमरोहा में 28 वार्ड की जगह 27 रह गए हैं। आंशिक परिसीमन कराने के फेर में पूरे वार्ड के अस्तित्व को मिटाने में कहीं न कहीं सियासी मायने भी तलाशे जा रहे हैं। सियासी पिच पर मजबूत होने का खेल

जनपद के सियासी खिलाड़ी जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज होने के लिए पहले से ही एक- एक सीट को लेकर सियासी हथकंडे अपनाते रहे हैं। 2005 में जिला पंचायत सदस्य जगमोहन खड़गवंशी की हत्या को लोग सियासी वजह से ही मानते हैं। चुनाव से पहले सीटों के परिसीमन और आरक्षण पर जोर आजमाइश करते हैं। ऐसे में एक-एक सीट मायने रखती है। मौजूदा वक्त में जिला पंचायत के जिन दो वार्ड 18 और 22 को मर्ज करके एक वार्ड बनाया गया है वह फिलहाल सपा के कब्जे में हैं। दो वार्डों का एक वार्ड बनने से परि²श्य बदल सकता है। हालांकि, पिछले परिसीमन में भी तत्कालीन रसूखदारों ने मनचाही करने में कसर नहीं छोड़ी थी। विधानसभा चुनाव 2012 से पूर्व हुए परिसीमन में नवसृजित नौगावां सादात विधानसभा को पांच थाना क्षेत्रों में बिखेरना भी इसी कड़ी का हिस्सा माना जाता है। यह बोले राजनीतिक दलों के नेता

पांच साल तक वार्ड 18 से जिला पंचायत सदस्य रहे सपा नेता आकिब चौधरी का कहना है कि भाजपा नेताओं ने राजनीतिक लाभ उठाने को वार्ड 18 को बलि का बकरा बनाया है। छोटे वार्ड रहने से विकास अधिक होता है। एक वार्ड समाप्त करके विकास की रफ्तार को रोकने का काम किया गया है। इस सीट से बसपा समर्पित उम्मीदवार के रूप में 2015 का चुनाव लड़ चुके बसपा के पूर्व जिला उपाध्यक्ष शाहनवाज चौधरी का कहना है कि संकीर्ण मानसिकता के चलते वार्ड 18 को खत्म किया गया है। सत्ता पक्ष के दबाव में राजनीतिक लाभ के लिए एक वर्ग विशेष के मतदाताओं वाले गांव दो वार्डों की जगह एक वार्ड में समेट दिए हैं। दो ग्राम पंचायतों के खत्म होने से पूरे वार्ड को निरस्त करना समझ से परे है।

वर्ष 2015 के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में वार्ड 18 से चुनाव लड़कर मामूली अंतर से हारे व्यापारी नेता शुभनीत उर्फ पंचू अग्रवाल का कहना है राजनीतिक द्वेष के चलते पूरे वार्ड को दूसरे वार्डो में बिखेर दिया है। दो ग्राम पंचायतों के हटने से वार्ड को खत्म करने से वह बिल्कुल सहमत नहीं हैं। यह वार्ड की जनता के साथ अन्याय हैं।

भाजपा पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष एवं इस क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य रह चुके चंद्रपाल सैनी का कहना है कि सैदनगली के नगर पंचायत बनने पर शासन द्वारा आंशिक परिसीमन कराया जा रहा है। समिति द्वारा परिसीमन करके आपत्ति मांगी गई हैं। किसी को आपत्ति है तो वह दर्ज करा सकते हैं। समिति ने जो निर्णय लिया है वह उचित है।

शासन के आदेश पर ग्राम पंचायत सैदनगली के नगर पंचायत बनने के चलते जिला पंचायत के वार्ड का नियमानुसार परिसीमन हो रहा है। किसी को कोई आपत्ति है तो दर्ज करा सकते हैं।

विजय शंकर मिश्र उप जिलाधिकारी हसनपुर।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.