अमरोहा : उपचुनाव के बाद नतीजों की भी घड़ी आ गई है। मंगलवार को मतदाताओं की जीत-हार के समीकरण सामने आ जाएंगे। जहां तक नतीजों की बात की जाए तो सपा व भाजपा प्रत्याशियों के बीच कांटे की टक्कर के असार हैं। बसपा प्रत्याशी भी अपने आपको मुख्य लड़ाई में मान रहे हैं।
पिछले विधानसभा चुनाव में भी मुख्य लड़ाई में भाजपा से चेतन चौहान व सपा प्रत्याशी जावेद आब्दी ही थे। तब चेतन ने लगभग 96 हजार वोट झटके थे, वहीं जावेद के हिस्से में लगभग 76 हजार वोट आए थे। तीसरे पायदान पर बसपा प्रत्याशी जयदेव सिंह ने भी 40 हजार से अधिक वोट हासिल किए थे। पिछले चुनाव के मुकाबले में उपचुनाव में लगभग 12 फीसद मतदान कम हुआ है। वहीं मतदाताओं के मूड में भी कुछ बदलाव नजर आया। सपा व बसपा के प्रत्याशी मुस्लिम हैं। इसलिए इस बार मुस्लिम मतों के बटने के आसार लगाए जा रहे थे, जिसका सीधा फायदा भाजपा को मिलना तय था मगर मतदान से कुछ ही दिन पूर्व बसपा सुप्रीमो मायावती के राज्यसभा चुनाव में भाजपा को वोट देने के बयान से माहौल बदल गया। हालांकि उनका बयान उपचुनाव से संबंधित नहीं था, मगर उसे मतदाताओं ने इससे जोड़कर देखा। इसका सीधा फायदा सपा प्रत्याशी को मिलने की चर्चा है।
इस लिहाज से सपा प्रत्याशी मुस्लिम, यादव के अलावा कुछ फीसद जाट, गूजर व सैनी वोट झटकने की उम्मीद के साथ अपनी जीत तय मान रहे हैं। जबकि उनके मुख्य गढ़ नौगावां सादात क्षेत्र में पिछली बार जहां लगभग 75 फीसद मतदान हुआ था, वहां इस बार औसतन 55 फीसद ही वोट पड़े हैं। इसके चलते यहां उनको बड़ा झटका लगने की बात मानी रही है। उधर, भाजपा प्रत्याशी संगीता चौहान की उम्मीद भाजपा समर्थित मतदान केंद्रों पर हुई लगभग अस्सी फीसद वोटिग पर टिकी है। इसी की बदौलत वह अपनी जीत मान रही हैं। हालांकि बसपा प्रत्याशी फुरकान भी अपने आपको दलित व मुस्लिम वोटों के गठजोड़ के साथ मुख्य मुकाबले में मान रहे हैं। नतीजे तो मंगलवार को ही सामने आएंगे मगर मुख्य लड़ाई इस बार भी भाजपा व सपा प्रत्याशी के बीच ही नजर आ रही है।
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