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नौगावां में मच्छरों का आतंक, नींद में नगर पंचायत

नौगावां सादात : जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है, मच्छरों की तादाद बढ़ती जा रही है। शाम को मच्छरों के झुंड

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Apr 2018 10:45 PM (IST)Updated: Tue, 03 Apr 2018 10:45 PM (IST)
नौगावां में मच्छरों का आतंक, नींद में नगर पंचायत
नौगावां में मच्छरों का आतंक, नींद में नगर पंचायत

नौगावां सादात : जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है, मच्छरों की तादाद बढ़ती जा रही है। शाम को मच्छरों के झुंड मुश्किल पैदा करने लगे हैं। नौगावां सादात में बड़ी संख्या में लोग बुखार से परेशान हैं। डॉक्टर मलेरिया की आशंका के चलते अधिकांश लोगों की जांच करा रहे हैं। आशंका हैं कि फा¨गग समेत अन्य उपाय न करने पर हालात आगे और भी खराब होंगे।

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नगर पंचायत की फां¨गग मशीन खराब पड़ी हैं। सभासदों का कहना है, कि कई बार नगर में फां¨गग कराने की मांग कर चुके हैं लेकिन अधिशासी अधिकारी व नगर पंचायत अध्यक्ष उनकी नहीं सुनते हैं। नगर पंचायत प्रशासन सो रहा है, और मच्छरों का आतंक बढ़ता जा रहा है। एनाफिलीज मच्छरों की बढ़ रही तादाद

नौगावां सादात : लैब टैक्नीशियन शोबी रजा का कहना है कि मच्छरों की बढ़ती फौज में क्यूरेक्स के अलावा एनाफिलीज मच्छर सबसे ज्यादा खतरनाक हैं। क्यूरेक्स फाइलेरिया तो एनाफिलीज मच्छर मलेरिया का कारण होता है। खास बात है कि रात की ठंड के मौसम में ये दोनों मच्छर तेजी से पनपते हैं। जलभराव ने बढ़ा दी लोगों की मुश्किल

नौगावां सादात : मच्छरों की बढ़ती तादाद का एक मुख्य कारण कस्बे में यहां-वहां होने वाला जलभराव है। यही नहीं नगर की अधिकतर नालियां चोक व खुली हुईं हैं। बहते पानी में मच्छर अंडे नहीं दे सकते हैं। ठहरे दूषित पानी में मच्छरों के लार्वा तेजी से पनप रहे हैं। नाले-नालियों की सफाई के लिए नगर पंचायत की ओर से अभी तक कोई पुख्ता इंतजाम नहीं हो सके हैं। कैसे पहचानें मलेरिया है या नहीं

नौगावां सादात : डॉक्टर समर रजा का कहना है कि मलेरिया प्लाज्मोडियम नामक परजीवी के कारण होता है। यह परजीवी मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से शरीर में आता है। मलेरिया पीड़ित को सर्दी और सिरदर्द के साथ बार-बार बुखार आता है। कभी बुखार कम हो जाता है तो कभी दोबारा आ जाता है। गंभीर मामलों में रोगी कोमा में चला जाता है। कई बार मौत तक हो जाती है। कैसे करें बचाव

मच्छरों को पनपने से रोकें।

मलेरिया के मच्छर रात में सक्रिय होते हैं, इस समय विशेष सावधान रहें।

मच्छरदानी का उपयोग करें।

मच्छरदानी पर कीट रिपेलेंट परमेथ्रीन भी लगाएं।

फुल कपड़े पहनें, पहनने वाले कपड़ों पर भी परमेथ्रीन लगाएं।


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