रेलवे स्टेशनों को मिलने लगी अंग्रेजियत से मुक्ति
अब वो दिन ज्यादा दूर नहीं। जब गजरौला से नजीबाबाद तक सभी रेलवे स्टेशनों को अंग्रेजियत से मुक्ति मिलेगी। चूंकि रेलवे विभाग ने दशकों से रेलवे स्टेशनों पर लगे अंग्रेजी जमाने के उपकरणों का बदलने का कार्य भी शुरू ही नहीं
गजरौला:
अब वो दिन ज्यादा दूर नहीं। जब गजरौला से नजीबाबाद तक सभी रेलवे स्टेशनों को अंग्रेजियत से मुक्ति मिलेगी। चूंकि रेलवे विभाग ने दशकों से रेलवे स्टेशनों पर लगे अंग्रेजी जमाने के उपकरणों को बदलने का कार्य शुरू ही नहीं हुआ बल्कि गजरौला व मंडी धनौरा स्टेशन पर लगे उपकरणों को बदल भी दिया है। अगले स्टेशनों पर भी इसका कार्य जल्द शुरू हो जाएगा।
बता दें कि गजरौला रेलवे स्टेशन से नजीबाबाद रेलवे स्टेशन तक ट्रेनों का संचालन नील्स बॉल्स स्टूमेंट (अंग्रेजी जमाने का उपकरण)के माध्यम से हुआ करता है। इस उपकरण से निकलने वाली लोहे की बाल्स (गेंद) ट्रेन के चालक को दी जाती है। फिर वो चालक उसे गेंद को अगले स्टेशन पर तैनात स्टेशन मास्टर को देता है। इसके बाद ही आगे की लाइन क्लियर होती है। गजरौला, मंडी धनौरा, चांदपुर, हल्दौर, बिजनौर व बसीकरतपुर व नजीबाबाद रेलवे स्टेशनों पर अंग्रेजी जमाने के उपकरण लगे हुए हैं। इन उपकरणों से हरी झंडी मिलने के बाद हर लाइन क्लियर होती है, लेकिन 3 नवंबर के अंक में दैनिक जागरण ने यहां से अंग्रेजी जमाने की तर्ज पर दौड़ती हैं ट्रेन शीर्षक से खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसके बाद चेते रेलवे विभाग ने अब इन रेलवे स्टेशनों को अंग्रेजियत से मुक्ति दिलाने का कार्य शुरू कर दिया है। गजरौला व धनौरा रेलवे स्टेशन पर लगे अंग्रेजी जमाने के इन उपकरणों का हटाकर उनके स्थान पर सिग्नल लाइन टोकन लैस स्टूमेंट लगाए गए हैं। गुरुवार को रेलवे स्टेशन पर पहुंचे सिग्नल इंस्पेक्टर निशांत भाटिया ने इन उपकरणों का जायजा भी लिया। स्थानीय रेलवे स्टेशन अधीक्षक देवेंद्र ¨सह ने बताया कि अंग्रेजी जमाने के उपकरणों को विभाग द्वारा बदलवाया जा चुका है। फिलहाल गजरौला व धनौरा के बदले गए हैं, लेकिन उनसे अगले स्टेशनों के भी जल्द बदले जाएंगे।