कोरोना काल में भी बुलंद रहा खिदमत का इकबाल
अमरोहा कोरोना संक्रमण फैला तो सरकार ने लॉकडाउन लगा दिया। ताकि लोग घरों में रहें त
अमरोहा: कोरोना संक्रमण फैला तो सरकार ने लॉकडाउन लगा दिया। ताकि लोग घरों में रहें तथा इस संक्रमण पर काबू पाया जा सके। शुरुआत में लोगों में इसे लेकर भ्रम भी था। इससे कैसे बचना है, क्या लक्षण है जैसे तमाम बातों को लेकर लोग असमंजस में थे परंतु इकबाल खां ने प्रशासन को सहयोग करते हुए लोगों को जागरूक करने में कोई कमी नहीं छोड़ी। उन्होंने दिन-रात शहर में स्कूटी पर लाउडस्पीकर लगाकर लोगों को जागरूक किया। ताकि इस बीमारी के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
25 मार्च को संपूर्ण लॉकडाउन घोषित कर दिया गया। सड़कों पर केवल पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी घूम रहे थे। लोगों को घरों में रहने की नसीहत दी जा रही थी। कर्फ्यू जैसा माहौल था। लोगों में दहशत थी तो प्रशासन जनता को बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहा था। इतना ही नहीं जरूरत के सामान घरों तक पहुंचाए जा रहे थे। इन सब के बीच अधिकांश लोग ऐसे थे जिन्हें केवल इतना पता था कि कोरोना जानलेवा बीमारी है। परंतु उससे कैसे बचना है, क्या लक्षण हैं समेत कई अहम बातों के बारे में जानकारी नहीं थी।
इसी क्रम में नगर के मुहल्ला अफगानान निवासी समाजसेवी इकबाल खां इस माहौल में प्रशासनिक अफसरों की रजामंदी से लोगों को जागरूक करने में लगे थे। उन्होंने अपनी स्कूटी पर लाउडस्पीकर लगा लिया था। वह सुबह से लेकर देर रात तक गली-गली घूम कर लोगों से घरों में रहने की अपील करने के साथ ही कोरोना के लक्षण व बचाव के बारे में जानकारी दे रहे थे। प्रशासन द्वारा संचालित रसोई में जहां खाने को मिलता पेट भर लेते थे। पूरे कोरोना काल में उन्होंने जनता की सेवा का इकबाल बुलंद रखा। अनिल टंडन ने की थी आर्थिक मदद की शुरूआत
अमरोहा: कोरोना काल में लोग आर्थिक रूप से टूट चुके थे। प्रशासन राशन-पानी का प्रबंध करा रहा था। ऐसे शहर में कुछ लोग इस कद्र व्याकुल थे कि वह लोगों मदद करने को आतुर थे। इनमें एक अनिल टंडन भी ऐसी ही शख्सियत हैं। वह जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए शहर में सबसे पहले आगे आए। उन्होंने जिला प्रशासन को पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद की थी। ताकि उनके अपने शहर के जरुरतमंद लोग परेशानी में न रहें। इतना ही नहीं श्री टंडन ने अन्य स्त्रोतों से भी लोगों की मदद जारी रखी। उनकी इस पहल के बाद शहर में तमाम लोग आगे आए तथा उन्होंने निजी स्तर के साथ ही प्रशासन को भी आर्थिक रूप से सहयोग किया।