मोक्ष के लिए सांसारिक भोग को समाप्त करना जरूरी : अखिलानंद सरस्वती
अमरोहा : यदि मोक्ष चाहते हो तो सांसारिक भोग को समाप्त कर दो। भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति अपनाने से रा
अमरोहा : यदि मोक्ष चाहते हो तो सांसारिक भोग को समाप्त कर दो। भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति अपनाने से राष्ट्र एकता कायम रह सकती है और तभी राष्ट्र उन्नति की और अग्रसर हो सकता है। यह विचार आर्य समाज के वार्षिकोत्सव के समापन पर मुख्य अतिथि संन्यासी स्वामी अखिलानंद सरस्वती ने व्यक्त किए।
आर्य समाज के वार्षिकोत्सव का समापन यजमानों ने विश्व कल्याण और पर्यावरण की रक्षा के लिए हवन कुंड में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ आहुतियां देकर किया। इस अवसर पर ईश्वर स्तुति भी की गई। इस दौरान मुख्य अतिथि गुरुकुल महाविद्यालय पूठ हापुड़ के संन्यासी अखिलानंद सरस्वती का हेतराम सागर नत्थू सिंह आर्य, राजनाथ गोयल, आर्येंद्र आर्य, सुरेश विरमानी, विनय त्यागी अश्वनी खुराना द्वारा माल्यार्पण किया गया। चोटीपुरा से आई ब्रह्मचारिणियों का मधु खुराना, अमित आर्य, सुभद्रा देवी, निरमल विरमानी, सुप्रिया खुराना ने स्वागत किया। यज्ञ में ईश्वर स्तुति, यज्ञ प्रार्थना की गई। इस दौरान मुख्य अतिथि अखिलानंद सरस्वती ने कहा चरित्र एवं संस्कारों की शिक्षा भारत में दी जाती थी, भारत की संस्कृति महान थी। आज भी विश्व में विश्व गुरु बनने की भारत क्षमता रखता है। इसके लिए हमें अपने संस्कारित जीवन को मुख्य बनाना होगा।
उन्होंने बच्चों का संस्कार देने की अपील की और जन्म दिवस यज्ञ कर मनाने की अपील की। केक काटने की परंपरा को भारतीय संस्कृति के विपरीत बताया। इसके अलावा उन्होंने राष्ट्र की उन्नति के लिए पश्चिमी सभ्यता का विरोध करने और भारतीय संस्कृति को सशक्त बनाने का आहवान किया। सलिल नाथ, यशवंत, सिंह आर्य, हरिओम अग्रवाल, दिनेश आर्य, दीपक अग्रवाल, मनोहर ने आभार व्यक्त किया।