ताकत नहीं तकनीक के सहारे दुष्कर्मी तक पहुंचेगी पुलिस
गजरौला एक दुष्कर्मी उसे दबोचने के लिए संसाधनों के साथ दो सौ से अधिक पुलिस कर्मियों का अमला लगा है।
गजरौला : एक दुष्कर्मी, उसे दबोचने के लिए संसाधनों के साथ दो सौ से अधिक पुलिस कर्मियों का अमला सिर्फ काफी ही नहीं बल्कि बहुत ज्यादा हैं, लेकिन विडंबना यह कि छह दिन गुजरने के बाद खाकी के हाथ खाली हैं। पुलिस ने दुष्कर्मी तक पहुंचने के लिए अपनी रणनीति बदल दी। निर्णय लिया है उसे लाव-लश्कर वाली ताकत के बल पर नहीं बल्कि तकनीक और दिमाग के जरिए दबोचा जाएगा।
योगी राज में मासूम बालिका के साथ दुष्कर्मी का पता लगने के बाद छह दिन तक नहीं पकड़े जाना खाकी की कार्यशैली पर प्रश्न चिह्न लगने जैसा है। गढ़मुक्तेश्वर कोतवाली क्षेत्र में गुरुवार की शाम हुई दुष्कर्म की घटना में गजरौला थाना क्षेत्र के ग्राम मोहम्मदपुर के जिस दलपत पुत्र रोहताश की पुलिस को तलाश है, उसे दबोचने के लिए वहां की कोतवाली पुलिस से लेकर कप्तान तक कई बार क्षेत्र में छापेमारी कर चुके हैं। एसओजी समेत कई टीम भी लगातार डेरा डालकर उसकी तलाश में जुटी हैं। ड्रोन कैमरा से लेकर डॉग स्कवायड तक का प्रयोग करने के बाद भी पुलिस उस तक नहीं पहुंच सकी है।
यह हाल तब जब उसे पकड़वाने पर 50 हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा के पंपलेट वितरित कराने के साथ गांवों में एनाउंस करा दिया गया। अब पुलिस ने उस तक पहुंचने के लिए तकनीक का सहारा लिया। बुधवार की शाम पुलिस ने अपनी नई रणनीति के तहत उसे दबोचने के लिए गांवों में झोंका लाव-लश्कर कम कर दिया है ताकि उस तक यह मैसेज पहुंच जाए कि पुलिस थक कर बैठ गई। वह क्षेत्र में घूमना चालू कर दें और पुलिस उसे दबोच लें। पुलिस उसे पकड़ने के लिए अपनी तीसरी आंख का बंदोबस्त करने में जुट गई है। वहीं खुफिया का जाल फैलाया है। अब ऐसे गिने-चुने लोगों को लगाया है, जो पुलिस के रूप में पहचाने भी नहीं जाएं और मौका मिलते ही एहसास करा दें कि खाकी के हाथ बहुत लंबे होते हैं। पत्नी को भी भेजा घर
गजरौला : दलपत पर दबाव बनाने व पूछताछ के इरादे से पकड़ी उसकी पत्नी को भी गढ़ पुलिस ने घर भेज दिया है। शायद इसके पीछे भी दलपत को यह एहसास कराना होगा कि पुलिस ढीली पड़ गई है।