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Migrant workers : शिक्षित प्रवासी मजदूरों को बिजनेसमैन बनाएगी सरकार, जानिए कौन उठा सकता है लाभ Amroha News

दूसरे राज्यों व जनपदों से घर आए पढ़े-लिखे प्रवासी मजदूरों को सरकार बिजनेसमैन बनाएगी। न सिर्फ उनको प्रशिक्षण देकर बिजनेस के तौर-तरीके बताए जाएंगे।

By Edited By: Published: Thu, 28 May 2020 11:51 PM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 06:02 PM (IST)
Migrant workers : शिक्षित प्रवासी मजदूरों को बिजनेसमैन बनाएगी सरकार, जानिए कौन उठा सकता है लाभ Amroha News
Migrant workers : शिक्षित प्रवासी मजदूरों को बिजनेसमैन बनाएगी सरकार, जानिए कौन उठा सकता है लाभ Amroha News

अमरोहा, जेएनएन। दूसरे राज्यों से घर आए पढ़े-लिखे प्रवासी मजदूरों को सरकार बिजनेसमैन बनाएगी। न सिर्फ उनको प्रशिक्षण देकर बिजनेस के तौर-तरीके बताए जाएंगे बल्कि ऋण भी उपलब्ध कराया जाएगा। कोई भी बिजनेस मजदूर चयनित कर सकते हैं। जिसके हिसाब से ही उनको प्रशिक्षण मिलेगा। इसके लिए प्रशासन ने प्रत्येक ग्राम पंचायत के हिसाब से शिक्षित मजदूरों की सूची बनाने का कार्य शुरू कर दिया है। अधिकारियों की मानें तो सूची उपलब्ध होते ही ऋण दिलाने की कार्रवाई पर अमल होगा। कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू किए गए लॉकडाउन की वजह से दूसरे राज्यों व जनपदों में फंसे प्रवासी मजदूरों को सरकार के आदेश पर घर भिजवाया जा रहा है। जनपद में अब तक 20 हजार प्रवासी मजदूर आ चुके हैं। इनमें तमाम मजदूर ऐसे हैं जो बीए, एमए, बीटेक, एमटेक, पीएचडी समेत अन्य डिप्लोमा व डिग्रीधारी हैं। उनके सामने भी आर्थिक संकट गहराया हुआ है।

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प्रशासन ने शुरू की तैयारी

सरकार के आदेश पर प्रशासन ने शिक्षित प्रवासी मजदूरों को बिजनेस कराने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। राष्ट्रीय आजीविका मिशन योजना के अंतर्गत उनको लाभान्वित किया जाएगा। रेडीमेट कपड़ों की दुकान, लघु उद्योग शुरू करने समेत कई अन्य बिजनेस के लिए लोन दिलाने व प्रशिक्षण की व्यवस्था प्रशासन की जाएगी। इसके लिए प्रशासन द्वारा गांव-गांव मजदूरों का सर्वे कराया जा रहा है।

महिला मजदूरों को मनरेगा में मिलेगा काम

बाहर से आए प्रत्येक प्रवासी मजदूर का मनरेगा योजना के अंतर्गत जॉब कार्ड बनाया जा रहा है। जनपद में अब सक्रिय मनरेगा मजदूरों की संख्या 1 लाख 500 से बढ़कर 1 लाख 35 हजार हो गई है। अभी अधिकारी इसमें और बढ़ोत्तरी की बात कह रहे हैं। इधर मनरेगा में 40 हजार महिलाओं के भी जॉब कार्ड बने हुए हैं। उनको भी गांवों में काम दिया जाएगा। इसके लिए पंचायत सचिव व ग्राम प्रधान को निर्देशित कर दिया गया है। वर्जन- प्रवासी मजदूरों को बिजनेस कराने के लिए सरकार द्वारा ऋण दिया जाएगा। अभी ग्राम पंचायतों के हिसाब से शिक्षित मजदूरों के चयन की प्रक्रिया चल रही है। जिसके पूरा होने के बाद ऋण की व्यवस्था पर काम किया जाएगा। सरकार के निर्देश पर अगला कदम भी उठाया जाएगा। मिथिलेश तिवारी, डीसी मनरेगा


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