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राज्यपाल से बोलीं छात्राएं-खुद ही साफ करते हैं खाने के बर्तन Amroha News

राज्यपाल का शिक्षा के साथ स्वास्थ्य पर भी रहा फोकस। स्कूल में तीन कक्षाओं में पहुंचकर छात्राओं से पूछे ज्ञानवर्धक सवाल। अफसरों को साल में एक बार ब्लड चेक कराने के दिए निर्देश।

By Narendra KumarEdited By: Published: Wed, 19 Feb 2020 06:30 PM (IST)Updated: Wed, 19 Feb 2020 06:30 PM (IST)
राज्यपाल से बोलीं छात्राएं-खुद ही साफ करते हैं खाने के बर्तन  Amroha News
राज्यपाल से बोलीं छात्राएं-खुद ही साफ करते हैं खाने के बर्तन Amroha News

अमरोहा, जेएनएन। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के निरीक्षण के दौरान राज्यपाल का फोकस शिक्षा के साथ-साथ छात्राओं के स्वास्थ्य पर रहा। खाने के मीनू भी चेक किया। यहां बनी चने की दाल चखी और छात्राओं को फल वितरित किए। 

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कस्तूरबा गांधी विद्यालय में पहुंचीं 

बुधवार की सुबह 10:05 बजे राज्यपाल आनंदीबेन पटेल जुबिलेंट फैक्ट्री से कार द्वारा गजरौला के भानपुर गांव स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय पहुंचीं। यहां सबसे पहले छात्राओं द्वारा लगाई मॉडल प्रदर्शनी का जायजा लिया और उनकी प्रतिभा को सराहा। इसके बाद वह कक्षा आठ में पहुंच गईं। यहां छात्राओं से सवाल किया कि पोषक तत्व क्या होते हैं। छात्राओं ने उसका बड़ा ही सरल तरीके से उत्तर दिया और नाम भी बता दिए। फिर सवाल किया कि आप नाश्ता, लंच और डिनर कब-कब करती हैं। छात्राओं ने जवाब में कहा कि सुबह, दोपहर व शाम। मलेरिया क्या है। इसका भी जवाब छात्राओं ने शालीनता के साथ दिया और उसके लक्षण तक बता डाले। 

विश्व मलेरिया दिवस पर पूछे सवाल 

सातवीं कक्षा में पहुंचकर राज्यपाल ने सवाल किया विश्व मलेरिया दिवस कब मनाया जाता है। इस पर छात्राओं ने जवाब दिया 25 अप्रैल को। सवाल पूछा कि- आप खुद बर्तन साफ करते हैं या फिर कोई और। जवाब मिला कि खुद ही साफ करती हैं। फिरपूछा कि- क्या-क्या गेम खेलते हैं आप। छात्राओं ने जवाब दिया खोखो, कबड्डी, रेस, बैडङ्क्षमटन, फुटबॉल आदि। प्रतियोगिता में जाते हैं या नहीं के सवाल पर छात्राओं ने हां में जवाब दिया। खून चेक होता है या नहीं, के सवाल पर छात्राओं ने इन्कार कर दिया। इस पर राज्यपाल ने छात्राओं का साल में एक बार ब्लड चेक कराने के निर्देश दिए। 

रसोईघर में जाकर चखा चने की दाल का स्वाद, मीनू का जायजा लिया

कक्षाओं में निरीक्षण करने के बाद राज्यपाल सीधे रसोईघर पहुंचीं। भोजन की जानकारी कर्मचारियों से ली। इसके बाद मीनू में बनी चने की दाल चखी। फ्रीजर को देखा और रसोइये से पूछा की आटा बच जाता है तो आप क्या करते हैं।  जवाब मिला की आटा पशुओं को डाल देते हैं। डीएम से जानकारी ली कि यह सुविधा सरकारी है, जवाब मिला जी मैडम सब सरकारी है। इसके बाद वह हॉस्टल पहुंच गईं और वहां बैठी चार बालिकाओं से बातचीत की। 

छात्राओं की प्रतिभा से गदगद हुईं राज्यपाल, खुद बांटे फल

राज्यपाल ने एक घंटा छात्राओं के बीच गुजारा और उनकी समस्याओं के बारे में जाना। इसके बाद सेब, केला व संतरा आदि फल खुद वितरित किए। ठीक 11 बजे वह कस्तूरबा से बाहर आईं और कार में बैठकर जुबिलेंट को रवाना हों गईं। 


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