माफ कर्ज के ब्याज से किसान फिर कर्जदार
हसनपुर : प्रदेश सरकार ने अपना चुनावी वादा पूरा करते हुए फसली ऋण मोचन योजना के तहत किस
हसनपुर : प्रदेश सरकार ने अपना चुनावी वादा पूरा करते हुए फसली ऋण मोचन योजना के तहत किसानों का एक लाख रुपये तक का कर्ज माफ कर दिया। इससे किसानों के चेहरों पर जो मुस्कान आई थी, उसे बैंकों ने ब्याज दर बढ़ाकर फीका कर दिया है। कर्जमाफी के बाद जो किसान मस्ती में थे वे अब ब्याज का कर्ज देखकर परेशान हैं।
किसान क्रेडिट कार्ड के अंतर्गत किसानों ने बैंकों से जो फसली ऋण लिया था उस पर सात फीसद ब्याज वसूला जाता था। इसे निश्चित समयावधि के अंदर जमा करने पर किसानों को तीन फीसद की छूट मिलती थी। यानि कि किसानों को चार फीसद ब्याज ही देना पड़ता था। कर्ज माफी की घोषणा के बाद किसानों ने कर्ज जमा करने से हाथ पीछे खींच लिए। सरकार ने 31 मार्च 16 तक लघु एवं सीमांत किसानों के खातों में बकाये कि सूची बैंकों से तलब कर कर्ज माफी की घोषणा कर दी। चूंकि कर्ज माफी के दायरे में डिफाल्टर किसान ही आए हैं। इसलिए 31 मार्च 16 से अक्टूबर 17 तक 19 महीने होने के कारण ब्याज चार फीसद से बढ़कर 12.50 फीसद हो गया।
किसान 31 मार्च 16 तक एक लाख तक का ब्याज सहित कर्ज माफ होने के बाद खाता साफ समझकर मूछों को ताव दिए बैठे थे। ग्राम पतेई खादर निवासी किसान रामनारायण ने 25 हजार का कर्ज लिया था, उन्हें 26,272 का ऋण मोचन प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ। अब बैंक उनसे 4,592 रुपये का ब्याज मांग रहा है, जबकि वह पूरा कर्ज माफ समझकर मजे से बैठे थे। इसी तरह भदौरा के बबलू ने 48 हजार का कर्ज लिया था। उन्हें 49,020 रुपये का प्रमाण पत्र मिल गया। बैंक उनसे 10 हजार ब्याज मांग रहा है। इसी तरह ग्राम सूबरा के मोहन भी 47,912 रुपये का कर्ज माफ होने के बाद ब्याज के बकायेदार हैं।
वहीं हयातपुर के नेकपाल 60250 का कर्ज माफ होने के बावजूद बकायेदार रह गए हैं। इस तरह के सैकड़ों किसान ब्याज के कर्ज से परेशान होकर अब बैंकों के चक्कर काट रहे हैं। बैंक कर्मी भी इन्हें ब्याज की गणित समझा-समझाकर परेशान हैं।
प्रदेश सरकार ने 31 मार्च 16 तक किसानों के खातों में बकाये में से एक लाख रुपये तक की राहत दी है। चूंकि ऋण मोचन की श्रेणी में वही किसान आए हैं जो डिफाल्टर हो चुके थे, इसलिए उन्हें 31 मार्च 16 से बकाया जमा करने तक 12.50 फीसद का ब्याज बैंकों में जमा करना ही होगा।
वीके कुकरेती, क्षेत्रीय प्रबंधक प्रथमा बैंक।