पितृ अमावस्या पर गंगा स्नान को उमड़ा सैलाब
रहरा धार्मिक मान्यता के अनुसार गुरुवार का दिन पितरों के विसर्जन के लिए उत्तम माना जाता है।
रहरा : धार्मिक मान्यता के अनुसार गुरुवार का दिन पितरों के विसर्जन के लिए उत्तम माना जाता है। इस दिन पितरों को विदा करने से पितृ देव बहुत प्रसन्न होते हैं। क्योंकि यह मोक्ष देने वाले भगवान विष्णु की पूजा का दिन माना जाता है।
इस कारण सर्व पितृ अमावस्या के दिन पितरों का विसर्जन विधि विधान से करने को हसनपुर के पौरारा घाट पर गुरुवार सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुट गई। कोरोना संक्रमण के भय के आगे आस्था भारी पड़ी और लोगों ने बिना किसी डर के अपने पितरों को तर्पण कर पतित पावनी गंगा मैया में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य कमाया।
उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण काल में प्रतिबंध के चलते गंगा स्नान करने को भी भीड़ नहीं जुट रही थी। कोरोना काल में पहली बार गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं का सैलाब दिखाई दिया। तहसील क्षेत्र के पूठधाम सतैडा समेत अन्य गंगा घाटों पर भी श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी रही। हसनपुर निवासी पंडित यतींद्र शंकर गौड़ बताते हैं कि गुरुवार का दिन भगवान विष्णु की पूजा का दिन होता है इस दिन पितरों को विदा करने से पितृदेव बहुत प्रसन्न होते हैं।