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प्राणवायु का संकट, अधर में अटकी मरीजों की जान

अमरोहा सरकारी व निजी कोविड अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ने पर आक्सीजन का संकट गहरा गया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 May 2021 11:04 PM (IST)Updated: Thu, 06 May 2021 11:04 PM (IST)
प्राणवायु का संकट, अधर में अटकी मरीजों की जान
प्राणवायु का संकट, अधर में अटकी मरीजों की जान

अमरोहा : सरकारी व निजी कोविड अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ने पर आक्सीजन का संकट गहराया हुआ है, क्योंकि मरीजों के हिसाब से आक्सीजन नहीं मिल रही है। मुश्किल से रोजाना महज डेढ़ टन आपूर्ति मिल रही है जबकि खपत रोजाना लगभग दस टन की है। पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन नहीं मिलने पर महकमा अधिकांश गंभीर मरीजो को भी होम आइसोलेट कर रहा है। मरीज आक्सीजन को इधर-उधर भटक रहे हैं।

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जिले में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए रजबपुर, गुलड़िया बिजली घर रोड स्थिति निजी कोविड अस्पताल में 272 बेडों की व्यवस्था हैं और स्टाफ से लेकर दवाइयां व उपकरणों की भी पूरी व्यवस्था हैं लेकिन, अप्रैल माह से बेकाबू हुए कोरोना से जिले के हालात भी बेकाबू हो गए हैं। स्वास्थ्य महकमा अभी तक गंभीर रोगियों को ही कोविड अस्पताल में भर्ती करा रहा था। अचानक मरीजों की संख्या में इजाफा होने पर स्वास्थ्य व्यवस्थाएं भी लड़खड़ा गई हैं, क्योंकि मरीजों के हिसाब से आक्सीजन नही मिल पा रही है। जिले में दस टन की खपत है, लेकिन महज रोजाना डेढ़ टन ही आक्सीजन मिल रही है। आक्सीजन का संकट गहराने से महकमा गंभीर मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराने की बजाय होम आइसोलेट कर रहा है और उन्हें योगा, गर्म पानी पीने की सलाह दे रहा है। हालांकि उन्हें इलाज के लिए दवाइयों की किट मिल रही है लेकिन, आक्सीजन नहीं मिल रही। जिसमें बहुत से मरीज के तीमारदार आक्सीजन के लिए भटक रहे हैं और कुछ दम भी तोड़ चुके हैं।

जिला संचारी रोग नियंत्रण नोडल अधिकारी डॉ. हरिदत्त नेमी ने बताया इस समय जिले में दस टन गैस की मांग है। इसकी डिमांड जारी है, लेकिन डेढ़ टन के आसपास ही गैस मिल रही है। जितने मरीज डिस्चार्ज होते हैं उतने ही मरीज भर्ती करते हैं। बाकी मरीजों को होम आइसोलेट करना पड़ रहा है। आक्सीजन के अभाव में मरीज तोड़ रहे दम

अमरोहा : आक्सीजन को लेकर जिले में मारामारी है। कुछ साधन संपन्न लोगों ने दोगुने दाम पर सिलिडर खरीदकर घरों में रख लिए हैं, लेकिन मरीज आक्सीजन के अभाव में दम तोड़ रहे हैं। 15 दिन पहले एक मीडिया कर्मी, तीन दिन पहले गजरौला के मुहल्ला शुक्लपुरी निवासी महिला और पांच दिन पहले गजरौला के एक गांव की रहने वाली गर्भवती की मौत आक्सीजन की कमी से हो चुकी है।


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