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कोरोना ने थामी गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन के बैनामों की रफ्तार

कोरोना के संक्रमण ने मेरठ से प्रयागराज तक बनने वाले गंगा एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए खरीदी जा रही जमीनों के बैनामों की रफ्तार को थाम दिया है। अब इक्का-दुक्का किसान ही बैनामा कराने पहुंच रहे हैं। अभी तक 1975 किसानों में से 315 से ही अधिकारी जमीन खरीद पाए हैं। अफसर दावा कर रहे हैं कि जल्द ही उसमें तेजी लाई जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 May 2021 12:57 AM (IST)Updated: Sat, 08 May 2021 12:57 AM (IST)
कोरोना ने थामी गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन के बैनामों की रफ्तार
कोरोना ने थामी गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन के बैनामों की रफ्तार

अमरोहा, जेएनएन: कोरोना के संक्रमण ने मेरठ से प्रयागराज तक बनने वाले गंगा एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए खरीदी जा रही जमीनों के बैनामों की रफ्तार को थाम दिया है। अब इक्का-दुक्का किसान ही बैनामा कराने पहुंच रहे हैं। अभी तक 1975 किसानों में से 315 से ही अधिकारी जमीन खरीद पाए हैं। अफसर दावा कर रहे हैं कि जल्द ही उसमें तेजी लाई जाएगी। गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण शासन की प्राथमिकताओं में शामिल है। मेरठ से प्रयागराज तक बनने वाले इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) द्वारा किया जाएगा। यह एक्सप्रेस-वे जनपद के 25 गांवों से होकर गुजरेगा। जिसके लिए यूपीडा द्वारा किसानों से जमीन खरीदने के लिए हसनपुर तहसीलदार भूपेंद्र सिंह को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। यहां बता दें कि 1975 किसान प्रशासन ने चिन्हित किए थे। जिनकी जमीन एक्सप्रेस-वे में आ रही है। कुछ दिन पहले सहमति पत्र लेने के बाद प्रशासन ने उनसे जमीन की खरीदारी शुरू की थी। हसनपुर तहसील में किसानों को बुलाकर जमीनों के बैनामे तेजी के साथ कराए जा रहे थे।

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इसी दरम्यान नोडल अधिकारी/तहसीलदार हसनपुर कोरोना संक्रमित हो गए थे। बाद में एसडीएम हसनपुर भी कोरोना की चपेट में आ गए थे। जिसकी वजह से जमीन खरीद का काम बाधित हो गया था। अब फिर से काम शुरू होने का दावा अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है। बताते चलें कि जनपद में एक्सप्रेस-वे के लिए 315 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता है। जिसमें 277 हेक्टेयर जमीन किसानों की है जबकि अन्य वन विभाग की है। 1975 में से 315 किसानों से जमीन अभी तक प्रशासन खरीद चुका है। जिनमें से 200 किसानों के बैंक खातों में धनराशि भेज दी गई है। अन्य की फाइलों को तैयार किया जा रहा है। कोरोना की वजह से बैनामों का काम धीमा पड़ गया था लेकिन, अब दोबारा से उसमें तेजी लाई जाएगी। जो किसान बैनामे के लिए आ रहा है, उससे जमीन खरीदी जा रही है।

भूपेंद्र सिंह, नोडल अधिकारी यूपीडा


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