बीमारियों की चौकड़ी में फंसी जिदगी
गजरौला इस समय न सिर्फ कोरोना का शोर गूंज रहा है बल्कि संक्रामक रोगों की चौकड़ी भी परेशान कर रही है।
गजरौला : इस समय न सिर्फ कोरोना का शोर गूंज रहा है बल्कि संक्रामक रोगों की चौकड़ी भी लोगों को मौत की दहलीज तक पहुंचा रही है। कोरोना का भय इतना है कि चिकित्सकों ने इलाज से परहेज करना शुरू कर दिया है। यही वजह है कि समय पर इलाज न मिलने की वजह से मरीज अपने घरों में ही मौत की नींद सो रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग कोरोना की चेन तोड़ने के लिए पूरी शिद्दत के साथ जुटा है लेकिन इस शोर में संक्रामक रोगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कोरोना काल मे वायरल फीवर, मलेरिया, टाइफाइड व डेंगू जैसे बुखार लोगों को जकड़ रहे हैं। शहर की स्थिति यह है कि कोरोना के खौफ की वजह से निजी व सरकारी अस्पताल में मरीजों को देखा भी नहीं जा रहा है। ऐसे में मरीज मेडिकल स्टोर के सहारे ही दवा लेने के लिए मजबूर हैं। इन सब परेशानियों के बीच मरीज का आक्सीजन लेवल गिरना भी मौत की वजह बनती जा रही है। वर्तमान में कोरोना के साथ बीमारियों की इस चौकड़ी से हर कोई बेबस नजर आ रहा है। स्वास्थ्य विभाग भी संक्रामक रोगों पर रोकथाम के लिए कुछ खास काम नहीं कर पा रहा है।
बढ़ता जा रहा है मौतों का आंकड़ा
गजरौला : औद्योगिक नगरी में कोरोना काल के बीच संक्रामक रोगों की वजह से हो रही मौतों का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है। एक तरफ जहां लोगों में कोरोना का खौफ है। वहीं दूसरी तरफ इलाज न मिलने की वजह से लोगों की मौत हो रही है। पिछले एक सप्ताह के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो लगभग 15 से 20 लोग मौत के मुंह में समा चुके हैं।
पांच दिन में संक्रामक रोगों से हुई मौतों का विवरण
दिनांक मौत
1मई- 3
2मई- 3
3मई- 4
4मई- 2
5मई- 3। कोरोना के साथ साथ मलेरिया, टाइफाइड, वायरल फीवर सक्रिय होने लगे हैं। स्वास्थ्य विभाग लगातार लोगों को जागरूक कर रहा है। संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए दस्तक अभियान भी चलाया जा रहा है। कोरोना के साथ-साथ टीमें संक्रामक लोगों पर भी ध्यान दे रही हैं।
डॉ. योगेंद्र, चिकित्सा अधीक्षक, सीएचसी गजरौला।