शिक्षिका रूबी भी चुनाव से आईं कोरोना की जद में, छोड़ गईं संसार
अमरोहा शिक्षिका रूबी रानी का भी हंसता खेलता परिवार था। बेटा-बेटी व शिक्षक पति के साथ खुश थीं।
अमरोहा : शिक्षिका रूबी रानी का भी हंसता खेलता परिवार था। बेटा-बेटी व शिक्षक पति के साथ खुशी के साथ जी रही थीं। बच्चों को चिकित्सक बनाने की तमन्ना थी लेकिन, पंचायत चुनाव कराने के दौरान कोरोना की चपेट में आ गईं। 28 अप्रैल को कोरोना उनकी जिदगी निगल गया।
यह मामला डिडौली थाना क्षेत्र के रामनगर गांव का है। शिक्षिका रूबी रानी जोया ब्लाक के गांव फराशपुरा में पूर्व माध्यमिक विद्यालय में शिक्षिका थीं। जबकि उनके पति नौबहार सिंह सिबौरा न्यायपंचात के गांव चुभका स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक हैं। रूबी बेटे हार्दिक आर्य (17), बेटी पूर्णिमा सिंह (15) व पति के साथ हंसी खुशी रह रही थीं। पंचायत चुनाव कराने के लिए शिक्षिका की ड्यूटी गजरौला ब्लाक व उनके पति की ड्यूटी ब्लाक के स्कूल के बूथ पर लगी थी। लिहाजा पोलिग पार्टी के साथ रूबी अपने बूथ के लिए 18 अप्रैल को रवाना हो गईं। 19 अप्रैल को मतदान कराने के दौरान उनकी हालत बिगड़ने लगी। देर रात चुनाव कराकर घर वापस लौटी।
शिक्षक पति ने दवा भी दिलवाई लेकिन राहत नही मिली। आक्सीजन लेवल गिरने लगा तो स्वजन ने 21 अप्रैल को मुरादाबाद के निजी अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन सुधार नहीं हुआ। 26 अप्रैल को चिकित्सकों ने कोरोना जांच कराई तो वह पॉजिटिव निकलीं। उपचार के दौरान 28 अप्रैल की सुबह उनकी मौत हो गई। इस गम में दोनों बच्चे और उनका पति पूरी तरह टूट चुके हैं।
नौबहार सिंह कहते हैं कि पत्नी का सपना था कि दोनों बच्चों को पढ़ाकर मेडिकल क्षेत्र में दाखिला दिलाकर डॉक्टर बनाएंगी। उनके अरमानों को पूरा करने के लिए वह पूरा प्रयास करेंगे।
17 अप्रैल को एंटीजन जांच में रिपोर्ट थी निगेटिव
अमरोहा : नौबहार सिंह ने बताया पोलिग पार्टी रवाना होने से एक दिन पहले 17 अप्रैल को पत्नी रूबी रानी ने एंटीजन जांच कराई। इसमें वह निगेटिव आई थीं। 18 अप्रैल को जब वह स्कूल पहुंचीं तो तबीयत खराब हो गई। इस बारे में उन्होंने फोन पर जानकारी भी दी। इसके बावजूद उन्होंने मतदान कराया।