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सावधान! सर्दी में कहीं बिगड़ न जाए हाल-ए-दिल

गजरौला : सर्दी के मौसम की शुरुआत हो चुकी है। इस मौसम में हृदय रोगियों को सामान्य लोगों की तुलना में

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 11:39 PM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 11:39 PM (IST)
सावधान! सर्दी में कहीं बिगड़ न जाए हाल-ए-दिल
सावधान! सर्दी में कहीं बिगड़ न जाए हाल-ए-दिल

गजरौला : सर्दी के मौसम की शुरुआत हो चुकी है। इस मौसम में हृदय रोगियों को सामान्य लोगों की तुलना में अपना ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत होती है। सर्दी के मौसम में धमनियों में खून जमने लगता है। हृदय में खून और ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित होने लगती है। इससे न सिर्फ ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है बल्कि हार्टअटैक की आशंका भी बढ़ जाती है लेकिन, इससे घबराने की जरूरत नहीं है। कुछ बातों का ध्यान रखकर हृदय रोगी भी इस मौसम का आनंद ले सकते हैं। इसके लिए खानपान में कुछ सावधानियां तथा जीवनशैली में कुछ परिवर्तन करने की आवश्यकता होती है। क्या है कोलेस्ट्रॉल

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गजरौला : सीएचसी के चिकित्सक डॉ. श्योराज सिंह ने बताया कि कोलेस्ट्रॉल एक वसा है जो लिवर द्वारा उत्पन्न होती है। यह शरीर के लिए आवश्यक होती है। कोलेस्ट्रॉल दो प्रकार का होता है। एलडीएल (लोडेंसिटी) और एचडीएल (हाईडेंसिटी) कोलेस्ट्रॉल। एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को सामान्य भाषा में बुरा कोलेस्ट्राल भी कहा जाता है। रक्त में इसकी मात्रा बढ़ जाना ही यह संकेत करता है कि हृदय रोग शुरू हो चुका है। खून में एचडीएल की मात्रा पुरुषों में 50 तथा महिलाओं में 40 से ऊपर होनी चाहिए, जबकि एलडीएल की मात्रा सामान्य व्यक्ति में 130 से नीचे तथा हृदय रोगियों में सौ से नीचे होनी चाहिए। यदि इससे ऊपर नीचे हो तो संभल जाना चाहिए। शरीर में इसकी मात्रा जांचने के लिए समय-समय पर कोलेस्ट्रॉल की जांच कराते रहना चाहिए।

कैसे पहचानें हृदयरोग

- दौड़ते समय या तेज चलते समय सीने में दर्द

- सीने में जलन या भारीपन

- छाती में बायीं तरफ अचानक शूल जैसा चुभना। यह दर्द बायीं बांह से होता हुआ पीठ की तरफ चला जाता है।

- लगातार अपच या एसीडिटी की समस्या, सामान्यत: लोग इसे बदहजमी की समस्या समझ लेते हैं।

ये हैं हृदयरोग के कारण-

- धूमपान

- मधुमेह

- शारीरिक व्यायाम का अभाव या निष्क्रियता

- वजन का बढ़ना

- अधिक चिकनाईयुक्त तथा तले भुने भोजन का सेवन

- मानसिक अवसाद

ये रखें सावधानियां-

- सुबह नींद खुलते ही एकदम बिस्तर से बाहर न आएं। गर्म वातावरण से एकदम ठंडे वातावरण में आने से शरीर का तापमान बिगड़ जाता है।

- सर्दी के मौसम में पर्याप्त गर्म कपड़े पहनें। कहीं बाहर जाना हो तो मुंह व नाक को मफलर से बांध लें।

- यदि मॉर्निंग वॉक करते हैं तो समय बदल लें। सर्दी में इसका समय थोड़ा आगे कर लें। कोहरे में तो हरगिज बाहर न निकलें।

- खानपान में सावधानी इस मौसम में बेहद जरूरी है। ज्यादा तली-भुनी चीजों का सेवन न करें।

- हो सके तो अधिक फाइबर वाली चीजें खाएं। फेफड़े के रोगियों को इस मौसम में ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत होती है। वैसे मॉर्निंग वॉक शरीर के लिए बेहद लाभदायक है लेकिन सर्दी के मौसम में हृदय रोगियों को अपना समय बदल देना चाहिए। खाना खाने के तुरंत बाद भी नहीं टहलना चाहिए, क्योंकि इससे हृदय को रक्त पंप करने में ज्यादा जोर लगाना पड़ता है। खानपान का विशेष ध्यान रखते हुए जीवनशैली में परिवर्तन करना चाहिए।

डॉ. योगेंद्र सिंह, चिकित्सा अधीक्षक, गजरौला।


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