बावनखेड़ी हत्याकांड : शबनम की अंधी प्रेम कहानी पर सिहरे लोग Amroha News
लोगों में चर्चा रही कि परिवार के सात लोगों का नरसंहार करने में दोनों को फांसी होगी या बच सकते हैं? यह ऐलान अभी बाकी है जबकि गुनाह माफ नहीं होने वाला है।
हसनपुर। क्षेत्र के बावनखेड़ी गांव का सामूहिक हत्याकांड फिर चर्चा में है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरोपितों की पुनर्विचार याचिका पर कोर्ट की टिप्पणी के बाद लोगों को घटना के बाद का मंजर याद आने लगा है। इश्क में अंधी शबनम ने प्रेमी सलीम संग परिवार के सात लोगों का गर्दन काट डाला था।
आने वाला है फैसला
यह वारदात बावनखेड़ी नरसंहार के रूप में चर्चित है। करीब 13 वर्ष पुराने मामले में फैसला आने वाला है। आरोपितों ने फांसी की सजा पर जीवनदान मांगते हुए सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी। शीर्ष अदालत ने बावनखेड़ी नरसंहार की आरोपित शबनम की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई पूरी कर ली है और अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है।
देश में चर्चित हुई थी घटना
उधर, बावनखेड़ी गांव से लेकर आसपास के क्षेत्र में नरसंहार की याद ताजा हो गई है। शबनम और सलीम के प्यार की दास्तां से जुड़ी यह देश की चर्चित घटना थी। शुक्रवार को हसनपुर अमरोहा मार्ग से गुजरने वाले बावनखेड़ी गांव की ओर देख रहे थे। सड़क किनारे स्थित बावनखेड़ी गांव की खूनी कोठी देखकर लोग मामले की चर्चा करते सुने गए।
मकान परिसर में ही शिक्षक शौकत अली के परिवार के सभी सात लोगों की कब्र बनी हुई हैं। लोग मानते हैं, कि शबनम और सलीम का गुनाह माफ करने योग्य नहीं है। शीर्ष अदालत द्वारा शबनम की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई कर फैसला सुरक्षित करने के बाद लोगों की निगाहें फैसले पर टिकी हैं।
हसनपुर तहसील क्षेत्र में गांव की चौपाल से लेकर चाय की दुकानों तक शबनम और सलीम के इश्क की चर्चा रही।