शिक्षक अश्वनी को नसीब नहीं हुआ वेंटिलेटर व आक्सीजन
अमरोहा बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षक अश्वनी के घर में दो बेटियों के बाद नौ अप्रैल को बेटे का जन्म हुआ।
अमरोहा : बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षक अश्वनी के घर में दो बेटियों के बाद नौ अप्रैल को बेटे का जन्म हुआ। घर में खुशियों की बहार थी, लेकिन वह पंचायत चुनाव के प्रशिक्षण के दौरान दस अप्रैल को कोरोना की चपेट में आ गए थे। हालत बिगड़ने पर स्वजन ने मेरठ में भर्ती कराया लेकिन आक्सीजन व वेंटिलेटर नसीब नहीं हुआ।
मेरठ जिला निवासी अश्वनी सिंह हसनपुर क्षेत्र के गांव सूमाठेर के पूर्व माध्यमिक विद्यालय में शिक्षक थे और वह पत्नी प्रीति वर्मा, छह वर्षीय बेटी अंगरिक्षा, दो वर्षीय बेटी एलिस के साथ रहते थे। नौ अप्रैल को बेटे की कमी भी दूर हो गई। इससे घर में खुशियां ही खुशियां थीं, लेकिन दस अप्रैल को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के प्रशिक्षण के दौरान वह कोरोना की चपेट में आ गए। पहले हल्का बुखार आया। चिकित्सकों से दवाई ली, लेकिन राहत नहीं मिली। सांस लेने में परेशानी होने लगी। जांच कराई तो वह संक्रमित निकले।
हालत बिगड़ने पर वह बीवी-बच्चों के साथ मेरठ चले गए। जहां स्वजन ने उन्हें 14 अप्रैल को निजी अस्पताल में भर्ती कराया। वहां आक्सीजन व वेंटिलेटर की सुविधा नहीं मिली तो दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया। जहां वह 22 अप्रैल तक भर्ती रहे, लेकिन वहां भी वेंटिलेटर की सुविधा नहीं मिली। चिकित्सकों ने गंभीर हालत में उनको रेफर कर दिया। वहां से ले जाते वक्त रास्ते में 23 अप्रैल को उनकी मौत हो गई। तीन मासूम बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया। पत्नी प्रीति वर्मा बच्चों की परवरिश को लेकर चितित हैं। पूछने पर बताती हैं एमए, बीएड किया है। शीघ्र ही बीएसए से मिलकर बच्चों की परवरिश के लिए नौकरी व मुआवजे की मांग करेंगी।
एंबुलेंस वालों ने भी ठगा
अमरोहा : शिक्षक की पत्नी प्रीति वर्मा बताती हैं कि जब अस्पताल में आक्सीजन व वेंटिलेंटर की सुविधा नहीं मिली तथा पति को गंभीर हालत में चिकित्सकों ने रेफर किया। तब एंबुलेस चालक ने पति को अस्पताल पहुंचाने के 11 हजार रुपये लिए थे।
मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए भटक रहे स्वजन
अमरोहा : शिक्षक अश्वनी सिंह की मौत के बाद पत्नी को मृतक आश्रित के रूप में नौकरी व मुआवजा मिलने की आस है। लिहाजा मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए वह मेरठ के संबंधित कार्यालयों में चक्कर लगा रही हैं, लेकिन अभी तक नहीं बना है। बताती हैं कि मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए लखनऊ तक संपर्क कर चुकी हूं, लेकिन नही बना।