जिले में 5582 लोगों को मिला 115 करोड़ का ऋण, 600 आवेदन लंबित
अमरोहा एमएसएमई (माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज) के बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वार
अमरोहा: एमएसएमई (माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज) के बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से आम जन ही नहीं बल्कि कारोबारी भी खुश हैं। जहां लोगों के लिए स्वरोजगार के दरवाजे खोले हैं वहीं कारोबारी अपने कारोबार का दायरा और बढ़ा सकेंगे। नए उद्योग स्थापित कर सकेंगे। अगर आंकड़ों पर गौर करें तो जिला उद्योग केंद्र स्वरोजगार के लिए अप्रैल माह से जुलाई तक 5582 लोगों को करीब 115 करोड़ का ऋण उपलब्ध करा चुका हैं। 600 आवेदन अभी लंबित हैं। जिनकी जांच पड़ताल की जा रही है।
केंद्र सरकार लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए तरह-तरह के जतन कर रही है। उसके द्वारा स्वरोजगार अपनाने वाले लोगों को प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए उसके द्वारा ऋणों में काफी छूट दी जा रही है। कलेक्ट्रेट में प्रवासी सेल खोली है। स्वरोजगार के लिए आवेदन करने वालों को ऋण देने में किसी तरह की लापरवाही नहीं की जा रही है। जिला उद्योग केंद्र के आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल माह से जुलाई तक सात हजार आवेदन प्राप्त हुए। इनमें से जांच के बाद 5582 सही पाए गए। सभी को ऋण प्राप्त करा दिया गया है। अभी 600 आवेदन और है। उनकी जांच हो रही है। कमी मिलने पर आवेदक को बुलाया जा रहा है। कागज मांगकर उनको दूर किया जा रहा है।
यहां बता दें कि जिलाधिकारी ने 50 हजार रुपए तक का ऋण सप्ताह भर के अंदर और दो लाख का ऋण एक माह के अंदर, तीन लाख से अधिक का अधिकतम दो माह के अंदर लाभार्थी को उपलब्ध कराने के निर्देश दे रखे हैं। लीड बैंक मैनेजर प्रशांत कुमार ने बताया कि लाभार्थी के ऋण स्वीकृति में कोई ढिलाई नहीं बरती जा रही है। सभी बैंक प्रबंधकों को लापरवाही न बरतने की हिदायत दी गई है। कोरोना के संक्रमण फैलने की वजह से लोगों के कारोबार प्रभावित हुए हैं। जिनको उबारने में काफी वक्त लगेगा। सरकार की सोच अच्छी है। उद्योग चलाने और लगाने के लिए ऋण मिलने से काफी स्थिति सुधरेगी। कारोबार भी संवरेगा।
अजय टंडन, कारोबारी सरकार ने एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए जो भी कदम उठाए हैं, वह सराहनीय हैं। इससे कारोबारियों को काफी फायदा है। आसानी के साथ उनको ऋण प्राप्त हो जाएगा। घाटे में आए कारोबारियों के लिए सरकार ने संजीवनी दी है।
शक्तिसरन अग्रवाल, ढोलक कारोबारी लॉकडाउन के बाद से लघु व सूक्ष्म उद्योग मरणासन्न स्थिति में पहुंच गए हैं। अगर सरकार उनको सहायता देकर उबारने का प्रयास कर रही है तो यह अच्छा कदम है। इससे उद्योग एक बार फिर पुनर्जीवित होंगे और मजदूरों को भी काम मिलेगा।
संदीप अग्रवाल, कॉटन कारोबारी लोग खुद अपना काम चालू करें, इसके लिए सरकार लगातार जोर दे रही है और उनको ऋण भी उपलब्ध करा रही है लेकिन, उसकी योजनाएं धरातल पर सही तरह से नहीं आ पातीं। सरकार को इसकी निगरानी बढ़ानी चाहिए और पात् लोगों का चयन कर उनको लाभान्वित करना चाहिए।
विमल यादव, व्यापारी