प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए 42 कारोबारियों को नोटिस
गजरौला प्रदूषण नियंत्रण को एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) द्वारा जारी आदेश का असर दिखना शुरू हो गया है।
गजरौला : प्रदूषण नियंत्रण को एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) द्वारा जारी आदेश का असर दिखना शुरू हो गया है। प्रदूषण को बढ़ावा देने में सहायक साबित हो रहे धंधों पर शिकंजा कसा जाने लगा है। इसी के तहत सरकारी भूमि पर रेता- बजरी रखकर बेचने वाले 42 लोगों को नगर पालिका परिषद ने नोटिस जारी किए हैं। इन सभी से संतोष जनक जवाब नहीं मिलने पर पालिका जुर्माना वसूलने की कार्रवाई करेगी।
प्रदूषण को लेकर प्रशासनिक स्तर से भले ही प्रदूषण के लिए बदनाम और जिम्मेदार औद्योगिक इकाइयों पर शिकंजा नहीं कसा जा रहा हो, लेकिन वातावरण को प्रदूषित करने में सहयोगी साबित हो रहे दूसरे धंधों पर शिकंजा कसा जाने लगा है। प्रदूषित शहरों की सूची में कुछ नए शहरों का नाम शामिल होने पर एनजीटी ने ही गजरौला समेत ऐसे सभी शहरों में कार्ययोजना बनाकर प्रदूषण नियंत्रण को प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।
डीएम उमेश मिश्रा के निर्देश पर पिछले दिनों प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय बिजनौर की टीम ने स्थानीय अधिकारियों को साथ लेकर शहर का भ्रमण कर सभी को चेतावनी दी थी। इसके बाद भी संबंधितों ने ऐसे कार्य बंद नहीं किए जिससे प्रदूषित माहौल को बढ़ावा मिल रहा है। इनमें सबसे ज्यादा संख्या सरकारी संपत्ति पर रेता-बजरी इत्यादि जैसा सामान रखकर बेचने वालों की संख्या है। यहां ट्रक जैसे साधनों से माल सार्वजनिक स्थानों पर उतरता है अथवा खरीदार ले जाने के लिए दूसरे वाहनों में लदवाते हैं तो धूल उड़ती है। इसी तरह निर्माण के दौरान भी खुले में सामग्री रखने से धूल के कण वातावरण में मिलकर माहौल को प्रदूषित करते हैं। नगर पालिका परिषद के ईओ विजेद्र सिंह पाल ने बताया ऐसे 42 लोगों को चिह्नित कर उन्हें नोटिस जारी कर जवाब मांगने के साथ कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। शहरी सीमा में डेयरी चलाने वालों को भी जारी किए नोटिस
गजरौला : नगर पालिका परिषद ने घरों में पशु पालकर डेयरी चलाने वाले 15 लोगों को नोटिस जारी किए हैं। ईओ ने बताया कि इनसे भी नियमों का उल्लंघन हो रहा है। इसलिए सभी को नोटिस जारी कर संतोष जनक जवाब नहीं मिलने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।