अफसरों की गोद में 36 बच्चों को टीबी रोग से मिली मुक्ति
अमरोहा मोदी सरकार के टीबी रोग मुक्त भारत अभियान से प्रेरित होकर अफसरों ने फरवरी माह में 36 रोगी गोद लिए थे।
अमरोहा : मोदी सरकार के टीबी रोग मुक्त भारत अभियान से प्रेरित होकर अफसरों ने फरवरी महीने में टीबी रोगी 36 बच्चों को गोद लिया था। अफसरों के गोद लिए गए सभी बच्चे टीबी से मुक्त हो गए हैं और वह स्वस्थ जीवन की राह पर चलने लगे हैं।
टीबी रोग मुक्त अभियान के तहत वर्ष 2025 तक देश को पूरी तरह से टीबी रोग से मुक्त करने का लक्ष्य है। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने भी टीबी के खिलाफ मुहिम चला रखी है। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. अजय कुमार सक्सेना ने बताया जिले में 200 बच्चों को गोद लेने का लक्ष्य दिया गया था। इसमें अधिकारियों और समाज सेवी संगठनों से 18 वर्ष तक की आयु के टीबी ग्रसित बच्चों को गोद लेने का अनुरोध किया गया था। जिले में 18 वर्ष की आयु के 36 बच्चे मिले। इनको अफसरों ने फरवरी महीने में गोद लिया था। इलाज के साथ-साथ उनके खाने-पीने पर विशेष ध्यान दिया। अधिकारी हौसला अफजाई के लिए समय-समय पर उनकी काउंसलिग भी करते रहे। इससे अब सभी बच्चे टीबी रोग से मुक्त हो गए और स्वस्थ जीवन की राह पर चलने लगे हैं। ट्यूबरक्युलोसिस वैक्टीरिया से फैलती है टीबी
अमरोहा : जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. अजय कुमार सक्सेना ने बताया कि टीबी एक संक्रामक बीमारी है, जो ट्यूबरक्युलोसिस बैक्टीरिया से फैलती है। इसका सबसे अधिक प्रभाव फेफडों पर होता है। फेफड़ों के अलावा ब्रेन, यूटरस, मुंह, लिवर, किडनी, गले आदि में भी टीबी हो सकती है। टीबी के बैक्टीरिया सांस द्वारा शरीर में प्रवेश करते हैं। किसी रोगी के खांसने, बात करने, छींकने या थूकने के समय बलगम व थूक की बहुत ही छोटी-छोटी बूंदें हवा में फैल जाती हैं। टीबी के लक्षण-
-खांसी आती रहना,
-खांसी में बलगम आना
-बलगम में खून आना
-कभी-कभी जोर से अचानक खांसी में खून आ जाना।