राजीव गांधी पर आपत्तिजनक बयान से आहत ग्रामीण ने आयोग को खून से लिखा पत्र
पत्र में लिखा पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न उनको अपशब्द बोलना गलत आयोग ऐसे भाषण पर लगाए रोक
अमेठी, जेएनएन। प्रधानमंत्री द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री व भारत रत्न स्व. राजीव गांधी पर दिए गए आपत्तिजनक बयान पर अमेठी के एक ग्रामीण ने अपने खून से चुनाव आयोग को पत्र लिखा है, जिसमें ऐसे बयान पर रोक लगाने की मांग की है, जिससे लाखों अमेठीवासियों के साथ ही करोड़ों देश वासियों की भावना आहत न हो सकें।ग।
गत दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के खिलाफ अपने चुनावी जनसभा में अपमानजनक भाषण दिया। इससे आहत होकर अमेठी के किटियावां ग्राम पंचायत निवासी मनोज कश्यप ने चुनाव आयोग को अपने खून से लिखा पत्र भेजा है, जिसमें उन्होंने राजीव गांधी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी से आहत है। पत्र में ग्रामीण द्वारा लिखा गया है कि ऐसा भाषण देने वालों के प्रति वही भाव है, जो उनके हत्यारों के प्रति है। लिखे पत्र में उसने कहा कि 18 वर्ष की उम्र में मतदान करने का अधिकार, देश को मजबूत करने के लिए पंचायती राज व्यवस्था, कंप्यूटर क्रांति आदि जैसे महत्वपूर्ण काम राजीव गांधी द्वारा किया गया है।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी जैसे तमाम नेताओं ने राजीव जी के राजनैतिक व विकास कौशल पर कई लेख लिखे हैं, परंतु प्रधानमंत्री मोदी ने उनका अपमान कर देश वासियों को आहत किया है, जिससे हम अमेठी वासी आक्रोशित हैं। आयोग को लिखे पत्र में ग्रामीण ने अमेठी की मिट्टी में राजीव गांधी जी की भावनाएं समाई हुई हैं। इसलिए खून से पत्र लिखा है। मेरे दर्द का मतलब समझते हुए इसे राजनैतिक न समझा जाय।
उन्होंने आयोग को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वोट के लिए इतनी घटिया बात बोलने पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही करोड़ों देशवासियों के भावनाओं को आहत होने से बचाने की अपील की है। मामले को लेकर कांग्रेस एमएलसी दीपक सिंह ने भी इस पत्र को अपने ट्विटर एकाउंट से ट्वीट किया है। भाषण की निंदा की है।
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