गायत्री से नजदीकियों में लेखपाल का भविष्य चौपट
चार जनवरी 1991 को हुई थी लेखपाल के रूप में अशोक तिवारी की तैनाती अयोध्या के समडीह गांव के रहने वाले लेखपाल अशोक को भी हुई पूर्व मंत्री के साथ सजा
अमेठी: लेखपाल अशोक तिवारी कहने को तो राज्य सरकार के कर्मचारी हैं, लेकिन पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के साथ नजदीकियों के चलते आज उनका भविष्य तबाह हो गया। दो दिन पहले गायत्री के साथ ही अशोक तिवारी को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।
अयोध्या जिले के समडीह गांव के रहने वाले हरिवंश त्रिपाठी के पुत्र अशोक तिवारी की राजस्व विभाग में नियुक्ति चार जनवरी 1991 को हुई थी। अमेठी तहसील में तैनाती के दौरान अशोक तिवारी गायत्री प्रसाद प्रजापति के करीबी हो गए। जब गायत्री अमेठी से विधायक और फिर मंत्री बने तो नजदीकियां और बढ़ती चली गई। गायत्री के मंत्री रहते हुए तरक्की की सीढि़यां चढ़ रहे अशोक तिवारी जुर्म में भी उनके हमराह हो गए।
वहीं, मुकदमे दर्ज होने के बाद 2017 के जनवरी में उनका वेतन रोक दिया गया। इस दौरान अशोक तिवारी की तैनाती कोरारी लच्छन शाह गांव में थी। 31 मार्च 2017 को विभिन्न आरोपों के चलते अशोक तिवारी को निलंबित कर दिया गया। इसके बाद उन्हें नोटिस भेजी गई। जेल से ही उन्होंने नोटिस का जवाब दिया कि मामला अंडर ट्रायल है और उन्हें विश्वास है कि वह रिहा हो जाएंगे, लेकिन ऐसा हो नहीं सका। तीन दिन पहले पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के साथ ही अशोक तिवारी को भी दोषी मानते हुए अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुना दी है।
निलंबित लेखपाल को जारी की जा रही अंतिम नोटिस:
एसडीएम अमेठी ज्वाइंट मजिस्ट्रेट संजीव कुमार मौर्य ने बताया कि निलंबित लेखपाल को आखिरी नोटिस जारी किया जा रहा है। 15 दिवस के भीतर इसका जवाब आते ही अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।