चिह्नित स्थानों से एक माह के अंदर व्यापारी हटाएंगे अतिक्रमण
विधायक प्रतिनिधि ने की व्यापारियों के साथ बैठक और उनके मन की बात सुनी। विस्थापित होने वाले परिवारों के लिए मुख्यमंत्री से मदद की मांग करेंगे।
अमेठी : लोक निर्माण विभाग के अतिथि गृह में विधायक प्रतिनिधि ने ओवरब्रिज निर्माण को लेकर अधिकारियों व व्यापारियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। बुधवार से शहर के ककवा मार्ग पर व्यापारी अतिक्रमण हटवाने को लेकर विरोध कर रहे हैं। विरोध के कारण अतिक्रमण अभियान रोक दिया गया था। गुरुवार को इसी समस्या को लेकर विधायक गरिमा सिंह के प्रतिनिधि अनंत विक्रम सिंह ने एसडीएम योगेन्द्र सिंह, लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता आरके चौधरी, सीओ अर्पित कपूर, तहसीलदार दिग्विजय सिंह, नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी हरगेन्द्र बहादुर सिंह को तलब किया था। सभी के साथ बैठक कर व्यापारी और प्रशासन के साथ आमने-सामने बात की। व्यापार मंडल अध्यक्ष अनूप अग्रवाल, सोनू कसौधन, जय प्रकाश लोहिया ने कहाकि नगर पंचायत की ओर से नौ मीटर अतिक्रमण हटवाये जाने के नोटिस जारी होने पर सभी व्यापारी सशंकित हैं। इस पर विधायक प्रतिनिधि ने आश्वासन दिया कि जितना चिन्हांकन किया गया है। उसी जगह अतिक्रमण हटवाया जायेगा। आप लोग नोटिस की चिता न करें। व्यापारियों ने कहा कि बीस परिवार पूरी तरह से समाप्त हो जायेंगे। वहीं व्यापारियों ने दुकान बंद होने के कारण वैकल्पिक तौर पर नगर पंचायत की दुकान दिलवाए जाने की मांग की। सीवेज, बिजली और अन्य व्यवस्था की जाय। विधायक प्रतिनिधि ने कहा कि ओवरब्रिज शहर के जाम के लिए सबसे बड़ी आवश्यकता है। ओवरब्रिज निर्माण कार्य प्रगति पर है। व्यापारी स्वयं अतिक्रमण हटवाये। जिससे उनका नुकसान न हो। जितनी भूमि चिन्हित की गई है। उसी निशान के अनुसार अतिक्रमण हटेगा। जितने परिवार इस अभियान में विस्थापित हो रहे हैं उनकी व्यवस्था करने के लिए मुख्यमंत्री से बात की जायेगी। प्रशासन का सहयोग व्यापारी करें। किसी का कोई उत्पीड़न नहीं होगा। एक माह में सभी लोग स्वयं अतिक्रमण हटवा लें। नहीं तो प्रशासन की ओर से अतिक्रमण हटवाया जाएगा।
- नहीं मिलेगा कोई मुआवजा
एसडीएम योगेन्द्र सिंह ने कहा कि किसी प्रकार का कोई मुआवजा नहीं मिलेगा। राजस्व अभिलेख में जो भूमि है। उसी के मुताबिक चिन्हांकन का कार्य किया गया है। 19 दिसंबर तक का समय है। सब लोग अपना अतिक्रमण हटा लें। विधायक प्रतिनिधि के आश्वासन पर एक माह का समय दिया गया है। निर्धारित समय पर अतिक्रमण नहीं हटाने पर विधिक कार्रवाई की जायेगी।