मतगणना के साथ तय होगी विकास की नई दिशा
सांसद स्मृति व राहुल गांधी के नाम पर जंग जीतने की दोनों दलों ने की कोशिश। अमेठी में गरिमा तिलोई में मयंकेश्वर गौरीगंज में राकेश व जगदीशपुर में सुरेश का कद भी तय करेंगे परिणाम।
दिलीप सिंह, अमेठी
अमेठी की राजनीति पिछले कुछ समय से रिश्तों के ईद-गिर्द ही घूम रही है। पंचायत चुनाव में भी भाजपा व कांग्रेस के योद्वाओं ने मैदान मारने के लिए खूब रिश्तों व भावनाओं के तीर चलाए हैं। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी व कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा के नाम के सहारे दोनों बड़े राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों जंग जीतने की कोशिश की है। वहीं 'मुखौटे' के सहारे सियासी ताकत मजबूत करने की खूब कोशिश हुई है।
इन कोशिशों के बीच गांव-गांव विकास की नई कहानी लिखने को बेताब मतदाताओं ने संक्रमण के बीच घरों से बाहर निकलकर 65 फीसद से अधिक मतदान कर अमेठी की सियासत को एक नई दिशा देने की कोशिश की है। सोमवार को मतों की गिनती के साथ कई बड़े चेहरों के सियासी कद की थाह भी लगेगी। वक्त के साथ उनकी सियासी ताकत बढ़ी या घटी इसका भी फैसला होगा।
पंचायत चुनाव में केंद्रीय मंत्री व सांसद स्मृति ईरानी की सक्रियता से भाजपा के सूरमाओं को एक नई ताकत मिली तो व्यवसाई व समाजसेवी राजेश अग्रहरि की अगुवाई में पार्टी पूरी ताकत से एक-एक सीट जीतने के लिए मेहनत करती दिखी।
सपा के चुनावी योद्धा भी गौरीगंज विधायक राकेश प्रताप सिंह के पीछे खड़े होकर मैदान मारने के लिए खूब मेहनत की हैं। तिलोई विधायक मयंकेश्वर शरण सिंह, जगदीशपुर विधायक व मंत्री सुरेश पासी के साथ ही अमेठी विधायक गरिमा सिंह की प्रतिष्ठा भी दांव पर है। कांग्रेस भी अमेठी में अपनी खोई ताकत के लिए जूझी है तो बसपा भी अपना प्रभाव पंचायत चुनाव के सहारे बढ़ाने की कोशिश में लगी थी।